26 नवम्बर /उदयपुर कट्टरवाद इबादतगाहों में भी खून बहाता है, बेगुनाहों का खून बहाना हराम है, इसका इस्लाम में कोई स्थान नहीं है, यह बात आल इंडिया उलमा व
26 नवम्बर /उदयपुर
कट्टरवाद इबादतगाहों में भी खून बहाता है, बेगुनाहों का खून बहाना हराम है, इसका इस्लाम में कोई स्थान नहीं है, यह बात आल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने मिस्र के अल आरिश के करीब अल रवादा की मस्जिद में लगभग 250 नमाज़ियों की हत्या किए जाने पर कहीं।
हज़रत ने कहा, कट्टरवाद एक ज़हर, है वह हर रूप में खतरनाक है, धार्मिक भ्रम में नफरत की फैक्ट्री का नाम ही आतंकवाद है, इसके लिए यह जरूरी नहीं कि इसे किस धर्म के नाम पर किया जा रहा है। हज़रत ने साफ तौर से कट्टरवादी आंदोलन की भर्त्सना करते हुए कहा कि इस प्रकार की विचारधारा का सभ्य समाज में कोइ स्थान नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को भी इससे सख्ती से निपटना चाहिए क्योंकि धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वाले दरिंदे हैं, इन्हे अगर रोका नहीं गया तो शरीफ नागरिकों का जीना मुहाल हो जाएगा। आस्था के नाम पर नफरत का कारोबार ठीक नहीं, इसकी आड़ में देश को तोड़ने की साजिश को हम सब मिलकर नाकाम करें।
कट्टरवाद छद्म रूप धारण कर अमन वालों के भेष में आकर धोखा देने की साजिश भी कर रहा है. इसे समझना होगा, समय रहते यदि ऐसा नहीं किया गया तो परिणाम नुकसान देने वाले होंगे।लोगों को मिलकर मोहब्बत के पैग़ाम आम करना चाहिए।
By: Yunus Mohani
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