ग़रीब नवाज की बारगाह में सूफ़ी रंग में डूबे अकीदतमन्द उलमा मशाइख़ बोर्ड ने आयोजित किया सेमिनार

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ग़रीब नवाज की बारगाह में सूफ़ी रंग में डूबे अकीदतमन्द उलमा मशाइख़ बोर्ड ने आयोजित किया सेमिनार

उलमा मशाईख बोर्ड ने आयोजित किया सेमिनार 3 अक्टूबर 2022 अजमेर, ऑल इंडिया उलमा मशाईख बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी सैयद सलमान ने आज दरगाह गरीब नवाज़ परिसर म

उलमा मशाईख बोर्ड ने आयोजित किया सेमिनार
3 अक्टूबर 2022 अजमेर,
ऑल इंडिया उलमा मशाईख बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी सैयद सलमान ने आज दरगाह गरीब नवाज़ परिसर में स्थित चिश्ती मंजिल में रात 7 बजे से 10 बजे तक एक सेमिनार सूफी विचार और उसकी आवश्कता विषय पर आयोजित हुआ ,सेमिनार में ऑल इण्डिया उलमा व मशाईख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष और वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी समेत बोर्ड के सभी जिम्मेदारों ने शिरकत की।
इस अवसर पर बड़ी तादाद में जायरीन भी मौजूद रहे और पूरा माहौल भक्तिमय हो गया ,सूफी विचार और परंपरा की मौजूदा हालात में भारत में जरूरत पर बात करते हुए हज़रत ने कहा कि मौजूदा हालात में हर तरफ नफरत की आग है और इस आग में देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति झुलस रही है इसे बचाने के लिए सिर्फ एक रास्ता मौजूद है और वही रास्ता सूफियों का है जिसकी हर मंजिल मुहब्बत है ।उन्होंने कहा गरीब नवाज़ की बारगाह में जिस तरह भारत दर्शन होता है दरअसल यही विचार सूफियों का है जहां मुहब्बत है वहीं सुकून है और नफरत हमारी बेसुकूनी की वजह ,सूफी विचार कुछ अलग नहीं बल्कि का मार्ग है जिस पर चल कर तड़पती इंसानियत का भला मुमकिन है।
बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि कला और संस्कृति के विकास में बहुत बड़ा किरदार सूफियों ने निभाया और इसका उपयोग किस तरह भटकी हुई मानवता को सीधे रास्ते पर लाने के लिए किया जा सकता है जिससे किसी भी प्रकार का टकराव और वैमनस्व न हो और लोगों को सीधी राह दिखाई जा सके ।
बोर्ड के गुजरात प्रांत के उपाध्यक्ष सय्यद मुहम्मद अली क़ादरी ने कहा कि खानकाह में आने वालों का खिलाना पिलाना और बेचैन और दुखी दिलों को बहलाना यही काम होता है और होता आया है इस काम में कभी किसी से नाम पूछने का या शिनाख्ती कार्ड दिखाने का चलन नहीं रहा यानी यहां सिर्फ लोगों का दर्द पूछा जाता है धर्म नहीं यही वजह है यहां हर रंग नजर आता है बीमार दिल बहलते हैं रोते हुए हंसते हुए जाते हैं आज हम बारगाह गरीब नवाज़ से परेशान हाल दुनिया को यही पैगाम पहुंचाना चाहते हैं आइए हम दुख बांट लें मिलकर और एक खूबसूरत दुनिया को बनाने में योगदान दें।
बोर्ड के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य सैय्यद अनवार जाफरी अल मदारी ने कहा कि सूफियों की तालीम मुहब्बत है जहां दहशत है नफरत है वहां इंसानियत नहीं हैं और ऐसे माहौल को बदलने का काम ही सूफिया का है जो बीमार मानवता का इलाज मुहब्बत की दवा से करते हैं ऑल इण्डिया उलमा मशाईख बोर्ड ने इस दवा को सब तक पहुंचने का काम अपनी यूनिट बना कर मुहल्ला क्लीनिक के तौर पर कर दिया है जिसे जहां मुहब्बत का पैगाम चाहिए वहां मयस्सर है।
बोर्ड यूथ विंग के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल मोइद अजहरी ने तसव्वुफ और इस्लाम के रिश्ते पर विस्तृत चर्चा की और लोगों को इस रिश्ते को समझाया उन्होंने कहा कि अगर सूफियों के रास्ते को सही से समझा जाए आज दुनिया खूबसूरत हो जायेगी।
बोर्ड के मीडिया प्रभारी यूनुस मोहानी ने कला और संस्कृति के रिश्ते पर बात करते हुए कहा कि कला संस्कृति का दर्पण है कला ही संस्कृति की तर्जुमान है अगर किसी जगह की संस्कृति को समझना है तो कला को समझना होगा कला भेदभाव को मिटाती है और लोगों को जोड़ती है सरहदों की दीवार लांघ कर सराही जाती है और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है सूफी कला का प्रेमी होता है क्योंकि उसका मिजाज़ कला जैसा है जो बिना भेदभाव के सबको अपनी ओर आकर्षित भी करती है और अपने असर में भी लाती है और अपने प्रभाव से संस्कृति सिखाती है और प्रेम की डोर में बांध देती है।
इस कार्यक्रम का संचालन मशहूर इस्लामिक स्कॉलर गुलाम रसूल देहलवी ने बहुत खूबसूरत अंदाज में किया और संचालन के दौरान सूफी क्या होता है इस बात को समझाया कार्यक्रम की शुरवात कारी नोमान अशरफ ने तिलावत करके की उसके बाद नात मौलाना अजीम अशरफ ने पढ़ी बोर्ड के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद शादाब हुसैन रिजवी, बोर्ड के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष जर्रार हुसैन ,पूर्वी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद अफजाल अहमद ,पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष जीशान खान ,पंजाब प्रांत अध्यक्ष मौलाना रमज़ान अशरफी,राजस्थान प्रांत अध्यक्ष कारी अबुल फतह सहित बोर्ड के सभी जिम्मेदार मौजूद रहे हाफिज हुसैन शेरानी ने सभी का शुक्रिया अदा किया ।

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