नागपुर में उलमा मशाइख बोर्ड और बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 3 सितंबर को सर्वधर्म सम्मेलन और सूफी कांफ्रेंस।

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नागपुर में उलमा मशाइख बोर्ड और बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 3 सितंबर को सर्वधर्म सम्मेलन और सूफी कांफ्रेंस।

नफरतों के सैलाब को रोकने के लिए मुहब्बत का बांध बनाना मकसद। नागपुर में उलमा मशाइख बोर्ड और बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 3 सितंबर क

नफरतों के सैलाब को रोकने के लिए मुहब्बत का बांध बनाना मकसद।

नागपुर में उलमा मशाइख बोर्ड और बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 3 सितंबर को सर्वधर्म सम्मेलन और सूफी कांफ्रेंस।

2 सितंबर 2022,शुक्रवार,नागपुर

बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैहि का 100 वा उर्स बाबा ताजुद्दीन की दरगाह पर मनाया जा रहा है इसी उपलक्ष्य में बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट और ऑल इण्डिया उलमा मशाईख बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में एक आलमी सूफी कांफ्रेंस का आयोजन 3 सितंबर को बाबा ताजुद्दीन आस्ताने के अहाते में होने जा रहा है,इस आयोजन का असल मकसद बढ़ते हुए नफरत के माहौल को थामना है।

ऑल इण्डिया उलमा व मशाईख बोर्ड व बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस प्रोग्राम की जानकारी दी गई इस प्रोग्राम का मकसद लोगों तक सूफिया के सही पैगाम को पहुंचाना है जोकि मानवता की सेवा है ,जिस प्रकार का माहौल देश में बनाया जा रहा है इससे भारत भूमि को नुकसान हो रहा है भारतीय संस्कृति और भारतीय परिवेश का मूल तत्व अनेकता में एकता है जिसे कसरत में वहदत कहते हैं और उसका परिणाम आपसी भाईचारा और प्रेम है यदि मजहबी उन्माद को रोका नहीं गया तो भारत की संस्कृति को गहरा आघात लगेगा ,जिस तरह सिर्फ एक ही तरह के फूल यदि चमन में हों तो उकताहट होती है वैसे ही भारत एक गुलशन है जिसमें अलग अलग धर्म विचार भाषा सब एक साथ चलते हैं और भारत भूमि को एक ऐसा गुलदस्ता बनाते हैं जो सभी को रिझाता है।
बाबा ताजुद्दीन की दरगाह पर आयोजित यह कार्यक्रम दो भागों में होना है एक में सर्वधर्म सम्मेलन और दूसरे में वर्ल्ड सूफी फोरम इंटरनेशनल सूफी कांफ्रेंस जिसका आयोजन ऑल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड और बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है सभी धर्मों के धर्माचार्य एक जगह मिलकर देश को मुहब्बत का संदेश देंगे और हाल ही में देश में हुई नफरत फैलाने वाली घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अपने विचार रखेंगे ताकि देश में नफरतों के सैलाब को रोकने के लिए मुहब्बत का बांध बनाया जा सके इसके लिए सबका एकजुट होकर प्रेम और भाईचार का संदेश आम करना प्राथमिक जिम्मेदारी है इस अवसर पर आमंत्रित उलमा , मशाईख, धर्माचार्य,स्कॉलर अपने विचार लोगों तक पहुंचाएंगे ताकि लोगों के बीच में डाली गई गलतफहमी की दीवारों को तोड़ा जा सके।
कांफ्रेंस में हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी, जनाब प्यारे खान, सय्यद तनवीर हाश्मी, सय्यद शमीमुद्दीन मुनीमी, सय्यद आले मुस्तफा अली पाशा क़ादरी, सय्यद आलमगीर अशरफ, हाजी सय्यद सलमान चिश्ती, प्रोफेस्सर ख्वाजा मोहम्मद इकरामुद्दीन, प्रोफेस्सर नजीब जंग, मुफ़्ती मंज़र हसन अशरफी, जनाब ताज अहमद राजा, श्री गोस्वामी सुशिल महाराज, श्री ब्रह्मेशानंद आचार्य, स्वामी चिदानंद महाराज, श्री भीकू संगसेना जी, कार्डिनाल ओसवाइड, श्री परमजीत सिंह चंडोक, स्वामी सारंग महाराज, श्री मोहन जी, श्री सुवीर सरन, आचार्य श्री राम गोपाल, सय्यद मक़सूद अशरफ, ग़ुलाम रसूल देहलवी व अन्य मुख्य रूप से शिरकत करेंगे।

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