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अल्पसंख्यकों में विश्वास के लिए सुरक्षा ज़रूरी : सय्यद मोहम्मद अशरफ

24 जून दिल्ली आल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने सरकार को सीधे चेताते हुए कह

24 जून दिल्ली आल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने सरकार को सीधे चेताते हुए कहा कि यदि सरकार का सूत्र सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास है तो तुरंत माब लिंचिंग जैसी घिनौनी घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर एक सभ्य समाज में इसे स्वीकार्य नहीं किया जा सकता विश्वास तभी कायम हो सकता है जब देश में आमजन खुद को सुरक्षित महसूस करे खास तौर से अल्पसंख्यक समुदाय अपने आप को सुरक्षित महसूस करें ,लेकिन आय दिन होने वाली ऐसी हिंसक घटनाएं विश्वास तोड़ने वाली हैं ।सरकार को चाहिए कि इस संबंध में कड़ा संदेश देते हुए प्रभावी कार्यवाही करे, ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगे क्योंकि इस प्रकार की घटनाओं से समाज में नफरत फैलती है ।
हज़रत ने कड़े शब्दों में ऐसी घटनाओं की निन्दा करते हुए कहा कि यह भारत की संस्कृति नहीं है ,इंसानियत से गिरी हुई वारदातों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता ,यहां एक बात और है जिस तरह ऐसी हिंसा करने वाले गुनहगार हैं उतने ही गुनहगार तमाशा देखने वाले भी हैं ,क्योंकि ज़ुल्म पर खामोश रहना भी ज़ुल्म है।सभी लोगों को इसका विरोध करना चाहिए और इस प्रकार के हिंसक तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए।
नफरत का कोई धर्म नहीं होता आज यह एक के खिलाफ है कल आपके खिलाफ होगी क्योंकि धर्म कोई भी हो जान लेने की शिक्षा नहीं देता बल्कि जीवन बचाने का पाठ पढ़ाता है ।हज़रत किछौछवी ने सरकार से मांग की फौरन ऐसी घिनौनी और हिंसक घटनाओं पर रोक लगे और दोषियों को सज़ा मिले।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि सरकार इस विषय में अपनी इच्छाशक्ति दिखाए ताकि अल्पसंख्यकों का विश्वास कायम हो सके।

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