15 अगस्त नई दिल्ली स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे देश में ऑल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गए और
15 अगस्त नई दिल्ली
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे देश में ऑल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गए और झंडा फहराया गया इस अवसर पर विभिन्न शाखाओं में आज़ादी के मतवालों के नाम से एक- एक पेड़ भी लगाया गया और लोगों में मिठाइयां बांटी गयी !
बोर्ड की शाखाओं में हर बार की तरह 14 अगस्त की शाम को एक शाम आज़ादी के परवानो के नाम से कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें आज़ादी के योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी और उन भूले बिसरे स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया गया जिन्हे कहीं न कहीं भुला दिया गया है !
बोर्ड की दिल्ली यूनिट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए डॉक्टर मुहम्मद जफरुद्दीन बरकाती ने कहा कि हम अक्सर जंगे आज़ादी और तहरीके आज़ादी को एक समझने कि गलती करते हैं और यह समझते हैं कि आज़ादी कि जंग 1857 से ही शुरू हुई जोकि गलत है जबकि इसकी शुरुवात 17 वी शताब्दी से ही हो गयी थी जिसमें शेरे मैसूर टीपू सुलतान की जंग भी शामिल है और जंगे आज़ादी का दौर 19 वी शताब्दी तक रहा और उसके बाद तहरीके आज़ादी शुरू हुई जिसमें अहिंसा और मंसूबाबंदी के साथ काम शुरू हुआ और फिर 15 अगस्त सं १९४७ का वह मुबारक दिन आया जिस दिन हिन्दोस्तान आज़ाद हो गया यह अनगिनत योद्धाओं के बलिदान के बाद मिली आज़ादी है !
कार्यक्रम में बोलते हुए वर्ल्ड सूफी फोरम के प्रवक्ता व मशहूर इस्लामिक स्कॉलर गुलाम रसूल देहलवी ने असल आज़ादी क्या है इस विषय पर अपनी बात रखी वहीँ बोर्ड कि युथ विंग के महासचिव मौलाना अब्दुल मोईद अज़हरी ने बोर्ड द्वारा आज़ादी कि पूर्ण संध्या पर किये जाने वाले कार्यक्रम कि अहमियत पर प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने मौजूदा वक़्त में स्वतंत्रता के मायने पर बात कि वही डॉ रहमतुल्लाह ने कहा कि मुस्लिम उलेमा का जो नुमाया किरदार जंगे आज़ादी में रहा अगर हम उसका ज़िक्र नहीं करते और अपने इतिहास से मुंह मोड़ते हैं तो आने वाली नस्लों को क्या सीखा कर जायेंगे उन्हें न क़ुर्बानियों का पता होगा न अपने अधिकारों का ,कार्यक्रम कि अध्यक्षता बोर्ड के दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के संयोजक व बोर्ड के संयुक्त सचिव शादाब हुसैन रिज़वी ने की और सञ्चालन यूनुस मोहानी ने किया वहीँ इस अवसर पर डॉ अख्तर सचिव दिल्ली यूनिट aiumb तथा मुहम्मद शाबान सचिव दिल्ली यूनिट ने भी अपनी बात रखी कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के बाद मुल्क़ में अमन और तरक़्क़ी कि दुआ के साथ हुआ ।
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