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15 जुलाई को ज़्यादा से ज़्यादा दुरुद शरीफ पढ़ें और और दुनिया में अमन की दुआ करें ! सय्यद मोहम्मद अशरफ

नई दिल्ली:आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के संस्थापक हज़रत मौलाना सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने तुर्की के राष्ट्रपति तय्यब अर्दुगान द्वारा पूरी दुनिया मे

नई दिल्ली:आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के संस्थापक हज़रत मौलाना सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने तुर्की के राष्ट्रपति तय्यब अर्दुगान द्वारा पूरी दुनिया में 15 जुलाई दिन शनिवार को बाद नमाज़े ईशा दुरूद शरीफ पढने और उसके बाद दुनिया में अमन की दुआ करने का आह्वाहान किया है का समर्थन करते हुए पूरी दुनिया के मुसलमानों से अपील की है कि यौमे दुरूद में हिस्सा लें, ऐसे समय में जब हर तरफ ज़ुल्म व ज्यादती का माहौल है, हर तरफ बेगुनाहों का खून बहाया जा रहा है,ऐसा लगता है कि फूलों से भी अब बारूद की खुशबु आने लगी है, इस दौर में अपना रिश्ता पैग़म्बरे अमन सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मज़बूत करने की ज़रूरत है जिसका रास्ता दुरूद है !

हज़रत ने कहा की यौमे दुरूद में लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें,हम तय्यब अर्दुगान की इस पहल का स्वागत करते हैं, उन्होंने बताया कि आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड की सभी प्रदेश एवं जिला शाखाएं इसकी तय्यारी में जुट गयी हैं और लोगों में इसका प्रचार और प्रसार किया जा रहा है!
हज़रत ने कहा कि हलक़ए दुरूद स्थापित करना सूफिया ए किराम का तरीका रहा है, दुरूद वह अमल है जो खुदा की बारगाह में रद्द नहीं होता जबकि हमारी नमाज़, रोज़ा, सदक़ा, ज़कात और हज ज़रूरी नहीं है की अल्लाह कुबूल ही कर ले क्योंकि हमारे अमल वैसे नहीं जैसे होने चाहिए लेकिन दुरूद एक अकेला अमल है जो खुदा की बारगाह में रद्द नहीं होता!

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