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क़ुर्बानी के लिये इंद्रेश कुमार की राय की मुसलमानों को ज़रूरत नहीं : सय्यद आलमगीर अशरफ

नागपुर: राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार के बयान कि मुसलमान केक काटकर कुर्बानी कर लें पर आल इंडिया उलेमा मशायख बोर्ड (यूथ) के राष्ट्रीय

नागपुर: राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार के बयान कि मुसलमान केक काटकर कुर्बानी कर लें पर आल इंडिया उलेमा मशायख बोर्ड (यूथ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सय्यद आलमगीर अशरफ किछौछवी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हमें इंद्रेश कुमार और उनके किसी नाम निहाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे संगठन की राय की जरूरत नहीं है ।
इंद्रेश कुमार को कोई हक नही कि वह मुसलमानों को तबलीग़ करे, मुसलमानों को अपने धर्म को मानने और धार्मिक अनुषठानों को करने की आजादी हमारे संविधान के अनुच्छेद 25 में साफ साफ दी गई है, ऐसे में यह बयान जहां निंदनीय है वहीं संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाला भी, यह इशारा करता है कि वह कौन लोग है जिनका संविधान में विश्वास नहीं है।
उन्होंने कहा कुर्बानी का असल मकसद खुदा की निकटता प्राप्त करना है और उसका सबसे खूबसूरत जरिया लोगो की मदद है , कुर्बानी के जरिए इस्लाम ने भूखमरी के खिलाफ बड़ी जंग का ऐलान किया क्योंकि पुराने समय से लेकर अबतक भूकमरी सबसे बड़ी त्रासदी है और इसके खात्मे के लिए कुर्बानी एक बड़ा हथियार भी।
उन्होंने बताया कि कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है एक गरीबों के लिये एक रिश्तेदारों के लिये और स्वयं अपने लिये इस तरह इस्लाम ने लोगों को त्याग की सीख दी आज भी अरब देशों से कुर्बानी बैंक के जरिए भुकमरी से जूझ रहे सोमालिया सूडान और ऐसे कई देशों को गोश्त भेजा जाता है, इसका मकसद लोगों में त्याग की भावना जगाना है ,वहीं गरीबों की मदद भी ,लेकिन यह बात वह क्या जाने जो सिर्फ नाम के मुसलमान हैं और दूसरों के इशारों पर नाचते है।
हज़रत ने साफ कहा कि इस्लाम में कुर्बानी रब की निकटता एवं भुखमरी के खिलाफ जंग का ऐलान है ।इंद्रेश कुमार पहले इस्लाम को सही से पढ़ें बयानबाज़ी से नफ़रत फैलती है जबकि समाज को मोहब्बत की सख्त जरूरत है।

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