रायपुर/छत्तीसगढ़: 7नवंबर धर्म के नाम पर खून बहा है लेकिन कभी अध्यात्म के नाम पर खून की एक बूंद भी नहीं बहती यह बात एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते
रायपुर/छत्तीसगढ़: 7नवंबर
धर्म के नाम पर खून बहा है लेकिन कभी अध्यात्म के नाम पर खून की एक बूंद भी नहीं बहती यह बात एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए ऑल इण्डिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कही. उन्होंने कहा कि अध्यात्म में सबके लिए मोहब्बत है नफरत किसी से नहीं किए जाने का संदेश है। एक सवाल का जवाब देते हुए हज़रत ने कहा कि दुनिया आज धार्मिक उन्माद का घातक परिणाम झेल रही है ,हर तरफ खून की नदियां बह रही हैं ,चाहे वह अफगानिस्तान हो या पाकिस्तान कहीं तालिबान धर्म का चोला पहन कर खून बहा रहा है कहीं आई. एस .आई .एस.,भारत में भी कुछ सिरफिरे यही काम कर रहे हैं धर्म की गलत व्याख्या की जा रही है और लोगों को बहकाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, सियासत में धार्मिक उन्माद एक घातक हथियार की तरह प्रयोग किया जा रहा है जिससे लोग मूल प्रश्नों से भटक कर धर्म के आधार पर फैसला कर ले रहे हैं ,जो हमारे लोकतंत्र के लिए बुरा संकेत है।लोगों को वोट का अर्थ समझने की आश्यकता है यह जिम्मेदारी मीडिया को निभानी होगी वोट जनमानस की राय है किसी व्यक्ति एवं विचारधारा के प्रति ।हम जिसे माफिया कहते है अगर उसका ही चुनाव करते हैं तो यह कैसी राय है जो काम बुलेट नहीं कर सकती वह काम बैलेट करता है हमें यह समझना होगा।
बोर्ड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हज़रत अम्मार अहमद अहमदी उर्फ नय्यर मियां ने कहा कि इस समय टेलीविजन पर जिस तरह के लोग बैठ कर डिबेट कर रहे हैं और स्वयं को इस्लामिक स्कालर कहलाते हैं उनमें से तो कुछ इस्लाम के संबंध में ज़रा भी नहीं जानते और कई बस पढ़े लिखे हैं जिससे भ्रम फैल रहा है।उन्होंने साफ कहा कि इस्लामिक कानून सार्वभौमिक है और व्यवाहरिक भी सही बात लोगों तक नहीं पहुंच रही है ।उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि मोहब्बत का संदेश आम कीजिए नफरतों को थाम दीजिये यही समय की पुकार है और यही धर्म भी ।अध्यात्म की शिक्षा है मोहब्बत सबके लिए नफरत किसी से नहीं।
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