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जहालत गरीबी की बदतरीन शक्ल है : सय्यद मोहम्मद अशरफ

20/नवम्बर, आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने पूरी दुनिया को  ईद  मिलादुन्नब

20/नवम्बर,

आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने पूरी दुनिया को  ईद  मिलादुन्नबी सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम की मुबारकबाद देते हुए कहा कि अल्लाह के रसूल का इरशाद है कि “अशिक्षा गरीबी का सबसे कुरूप चेहरा है” दुनिया को इस बात को समझना चाहिए, विशेष रूप से मुसलमानों को इस बात को समझते हुए इल्म हासिल करने की तरफ मेहनत करनी चाहिए, क्योंकि फरमाने नबी है कि “हर मुसलमान मर्द और औरत पर इल्मे दिन सीखना फ़र्ज़ है” यहां इल्मे दीन का मतलब यह नहीं है कि दुनियावी इल्म नहीं जानना है क्योंकि दीन में दुनिया शामिल है।
हज़रत ने फ़रमाया कि हम सब के आका पैग़म्बरे अमन सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि” इल्म हासिल करने के लिए अगर चीन भी जाना पड़े तो जाओ” लिहाज़ा इल्म हासिल करिये और उसके लिए हर मुश्किल उठाने के लिए तय्यार रहिये क्योंकि इसी में फायदा है और आगे की आसानी है।
उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सबके लिए रहमत हैं और हम उनकी उम्मत हैं लिहाजा हमें भी सबके लिए बेहतर होना चाहिए, हमारी वजह से किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए, लोग हमें देखकर कहें कि उम्मती ऐसे हैं तो नबी की शान कितनी आला होगी, हम सबको सीरते नबी पर गौर करना है और आपकी तालीम पर अमल करना है क्योंकि मीलाद मानने का सबसे अफजल तरीका यही है कि हम लोगों के लिए फायदा पहुंचाने वाले बन जाएं, हम अमल वाले बन कर जब अपने नबी की तालीम का चर्चा करेंगे तो लोगों पर वह बात असर करेगी।
हज़रत ने पूरे संसार को मुबारकबाद देते हुए कहा कि जश्न मनाईए और लोगों को बताईए कि आमद किसकी है और इसका तरीका वही हो जिससे लोगों को खूब फायदा पहुंचे ।

By: Yunus Mohani

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