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मोहब्बत वालों की ख़ामोशी नफरत को बढ़ावा दे रही है : सय्यद मोहम्मद अशरफ

19,जुलाई महाराजगंज, कुलहीबाज़ार ,मोहब्बत वालों की ख़ामोशी नफरत को बढ़ावा दे रही है,यह विचार आज कोल्ही बाज़ार में जुमा मस्जिद में आल इंडिया उलमा व मशाई

19,जुलाई महाराजगंज, कुलहीबाज़ार ,मोहब्बत वालों की ख़ामोशी नफरत को बढ़ावा दे रही है,यह विचार आज कोल्ही बाज़ार में जुमा मस्जिद में आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष एवम वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने अपने संबोधन में रखे।
इस समय देश में हो रही भीड़ द्वारा हत्या के संबंध में बोलते हुए हज़रत ने कहा: समाज में जिस तेज़ी से बदलाव आ रहा है उसके लिए सबसे अधिक ज़िम्मेदार अमन वाले लोगों की ख़ामोशी है क्योंकि अब तक जहां भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं वहां एक बात समान है कि हमलावर कुछ लोग हैं बाकी लोग चुपचाप तमाशा देख रहे हैं,या फिर विडियो बना रहे है, अगर यह लोग चाहते तो आराम से ऐसे हमलावर लोगों को काबू में किया जा सकता है।
हज़रत ने कहा, यह वक़्त हमें सबसे अधिक अपने चरित्र पर ध्यान देने की जरूरत है और सोचने का विषय यही है कि आखिर सूफियों के साथ सब कैसे मोहब्बत से पेश आते थे, ऐसी क्या कमी आई है हमारे खुद के अंदर कि हम निशाने पर हैं, हमें साफ तौर से दिखेगा एक तरफ इल्म की कमी दूसरी तरफ समाज में व्याप्त हर बुराई आज मुसलमानों में घर कर गई है, न सब्र है न अल्लाह का खौफ तो हम पर ज़ुल्म हो रहा है तो गलती हमारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कानून व्यवस्था को मजबूत करे और इस प्रकार के लोगों को सख्त सज़ा दी जाय,मगर समस्या का यही समाधान नहीं है,हमें वापिस पलटना होगा सीरते नबी की तरफ, यही एक मात्र रास्ता है हमारे लिए,क्योंकि सीरते नबी का ज्ञान लेकर फिर सुन्नत पर अमल करने से जहां अल्लाह हमसे राज़ी होगा वहीं दूसरे लोग हमसे चाह कर भी नफरत नहीं कर पाएंगे।
हज़रत ने कहा कि लोगों के काम आइए उनके धर्म को उनके संप्रदाय को मत देखिए जो भी मुसीबत में हो उसकी मदद करिए आपसी मेल जोल को बढ़ाइए एक दूसरे के सुख दुख में शरीक हो और हर छोटी बड़ी बात को भूल कर एकजुट हो जाइए यही इसका हल है, मस्जिद को सजदो से सजाइए फिर देखिए कैसे हालात बदलते है।
देश में मुट्ठी भर लोग हैं जो नफरत फैलाना चाहते है अधिकतर लोग अमन चाहते हैं, मेल मिलाप चाहते हैं लेकिन अमन वालों की ख़ामोशी नफरत वालों से ज़्यादा बड़ी समस्या है, क्योंकि अगर ज़ालिम के खिलाफ आवाज़ नहीं उठती तो ज़ुल्म बढ़ता है, और फिर सब एक एक कर उसकी ज़द में आते हैं।
हज़रत ने लोगों से कहा कि आने वाला महीना क़ुर्बानी का है इसमें आपको बहुत समझदारी का सबूत देना है और अपने हम वतन भाइयों की धार्मिक भावनाओं का विशेष ख्याल रखना है साथ ही साफ सफाई की ज़िम्मेदारी भी निभानी है। उन्होंने लोगों से क़ुर्बानी के अवसर पर भारी तादाद में वृक्षारोपण का आह्वाहन भी किया।

By: यूनुस मोहानी

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