2 अक्टूबर ,नई दिल्ली आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ के सी बी आई कोर्ट के आये फैसले पर दो टूक कहा कि इंसाफ और फैसले में फर्क है इसे समझा जाना चाहिये अगर इंसाफ नहीं होता तो यह ज़ुल्म है जिससे बेयकीनी जन्म लेती है । हज़रत ने मुसलमानों से अपनी बात दोहराई और अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर इस फैसले पर बहस न करें इससे बचें।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को सुलह हुदैबिया को समझना होगा कि पैग़म्बरे अमन ने किस खूबसूरती से इसे अंजाम दिया और जिसका नतीजा फतह हुई जो लोग इसके बारे में नहीं जानते उन्हें चाहिए कि उलमा से इसे सुने समझें और जाने हमारे लिए हर मुसीबत का हल पैगम्बरे अमन की प्यारी सीरत में मौजूद है हमें उसे पढ़ना होगा और उसपर अमल करना होगा यही हमारे लिए निजात का जरिया है हमें यकीन रखना चाहिये कि ज़ुल्म बहुत देर तक कायम नहीं रहता ।
अदालत जो मजलूम को इंसाफ देने के लिए बनी है अगर ऐसे फैसले करेगी तो ज़ालिम की हिमायत होगी जिससे समाज में असंतुलन पैदा होगा और अपराधी बेखौफ हो जायेंगे जिससे शरीफ शहरियों की ज़िन्दगी दुश्वार होगी और मुल्क में अफरा तफरी का माहौल बनेगा यह सोचने का वक्त है कि हम कैसा देश बना रहे हैं जहां अदालत सबूतों के मौजूद होने के बाद भी इस तरह के फैसले दे रही है और पूरे अदालती निज़ाम को कटघरे में खड़ा कर रही है।
हज़रत ने ख़ास तौर से मुस्लिम युवाओं से कहा कि यह सब्र और होशियारी का वक़्त है हमें किसी भी कीमत पर नफरत के कारोबारियों की चाल को कामयाब करने में मदद नहीं करनी है और अगर आप सोशल मीडिया के जरिए इस फैसले पर बात करते हैं तो हम उनके मददगार अनजाने में बन जाते हैं हमें खबर भी नहीं होती कि हम क्या कर रहे हैं और अपनी नासमझी के चलते हम जाल में फांस जाते हैं।
अभी मुल्क में जिस तरह कोरोना का कहर टूटा हुआ है,किसान सड़कों पर हैं नवजवान बेरोजगार हैं ऐसे में हमें इस फिजूल बहस से बचने की जरूरत है और अपने मुल्क की फिज़ा को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे रहना है।अदालतों को अपना काम करना है और हैं सबको अपना ,हमारा काम है मोहब्बत सबके लिए नफरत किसी से नहीं अगर हम अपना काम ईमानदारी से करेंगे तो बदलाव यकीनी है और इसी बदलाव में तरक्की की राह है ,।
उलमा व मशाइख बोर्ड अध्यक्ष की कोरोना वायरस से सावधान रहने की अपील!
15 मार्च रविवार,सुनौली
आल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फ़ोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कल सुनौली नेपाल बार्डर पर एक धर्म सभा को संबोधित करते हुए मौजूदा समय में दुनिया पा कोरोंना वायरस के खतरे पर बात करते हुए कहा कि “हलाल रिज्क,इंसाफ और मोहब्बत से बचेगी दुनिया”!
हज़रत ने कहा कि हमारे पैदा करने वाले रब ने हमें बता दिया कि हम क्या खा सकते हैं और क्या नहीं जब हम उससे मुंह मोड़ेंगे तो इस तरह की मुसीबत में गिरफ्तार हो जाएंगे,सिर्फ खान पान से ही नहीं बल्कि इंसाफ न करने पर भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी दुनिया तरह तरह की मुसीबत में फंसती जा रही है तरक्की के नाम पर रोज इंसानियत को नेस्तनाबूद करने वाले हथियारों को बनाया जा रहा है जिस हथियार से दुनिया को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुंच सकता है जिससे सबसे ज़्यादा जाने जा सकती है उसे सबसे बेहतर हथियार माना जा रहा है और उस मुल्क को सबसे ज़्यादा विकसित राष्ट्र माना जा रहा है,जबकि होना तो यह चाहिए था कि सबसे ज़्यादा विकसित मुल्क उसे मना जाए जहां इंसान की जिंदगी को सबसे ज़्यादा बेहतर करने पर काम हो,जहां इंसाफ का निज़ाम कायम हो,और सबसे अच्छा हथियार वह हो जिससे सबसे काम इंसानी जानो का नुकसान हो।
उन्होंने कहा कि दुनिया आज कोविड19 की वजह चीन के लोगों के गलत खान पान को मान रही है चमगादड़ को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है लेकिन इसी खतरे को आज से 1500 साल पहले हमारे नबी ने बता दिया था और सबको यह बता दिया कि क्या खाया जा सकता है और क्या नहीं अगर नबी की बात पर अमल हो तो मुमकिन नहीं कि इस तरह की बीमारी फैले,सिर्फ इतना ही नहीं इस बीमारी से बचने के जो उपाय डॉक्टर बता रहे थे यह तो सब प्यारे नबी की सुन्नत हैं खांसी अाए तो मुंह ढंक लो छींक अाए तो मुंह ढंक लो हाथ धो वज़ू करो जिससे नांक और मुंह में को गंदगी है साफ हो जाए ।
मुसलमानों को कोरोंना से नहीं अपने रब से डरना चाहिए और अपने रसूल की सुन्नत पर अमल करना चाहिए आप अपने आप इस खतरनाक बीमारी से बच जाएंगे साफ सफाई का ख्याल रखें हाथो को साफ रखें ।
हलाल रिज्क बीमारियों से बचाता है ,वहीं इंसाफ से अमन कायम होता है और अमन होने से तरक्की होती है ,हुकूमत को इंसाफ का निज़ाम कायम करना चाहिए जिस तरह के हालात से मुल्क दो चार है इसमें इंसाफ के जरिए लोगों में भरोसा कायम किया जाना चाहिए और नफरतों को मिटा कर मोहब्बत का वातावरण बनाया जाना चाहिए क्योंकि यदि नफरत नहीं रुकी तो कोरोंना से अधिक घातक साबित होगी और इस वायरस की एक ही वैक्सीन है वह है मोहब्बत।
Yunus Mohani