महबूब की बात पर अमल मुहब्बत का पहला उसूल – अशरफ़ किछौछवी

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महबूब की बात पर अमल मुहब्बत का पहला उसूल – अशरफ़ किछौछवी

24 सितंबर 2025 गुरुवार नई दिल्ली आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हजरत सैयद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी

24 सितंबर 2025 गुरुवार नई दिल्ली
आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हजरत सैयद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने कानपुर शहर में पैग़म्बरे इस्लाम के नाम के बैनर को लेकर दर्ज मुकदमे के बाद से पूरे मुल्क और विदेशों तक में हो रहे प्रदर्शनों पर बात करते हुए कहा कि यकीनन हमें अपने नबी से मुहब्बत का इज़हार करने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन जिस तरह से अलग अलग जगहों से खबरे आ रही है वह चिंताजनक हैं कई जगह प्रदर्शनों के दौरान लोगों पर मुकदमे लिखे गए हैं लोगों की गिरफ्तारी हुई है और बुलडोजर की कार्यवाही भी हुई है लोगों में गुस्सा है ।
उन्होंने कहा लेकिन कुछ लोग आपके जज़्बात का ग़लत इस्तेमाल करने की साज़िश रच रहे हैं और आप उसमे फँस रहे हैं सबको होशमंदी से काम लेना चाहिए किसी के उकसावे में नहीं आना चाहिए हज़रत ने आगे कहा कि मुहब्बत का दावा सिर्फ़ हाथों में तख्ती लेकर जुलूस निकालने से पूरा नहीं होता ,मुहब्बत का पहला उसूल महबूब की बातों पर अमल है “”उन्होंने कहा कि अब हम अपने अंदर झांके क्या हम जो दिखावा कर रहे है उसमे हम सच्चे हैं प्यारे आक़ा की नामूस पर जान क़ुर्बान करने का दावा करने वाले क्या मस्जिदों को सजदे से सजा रहे हैं ? आपसी झगड़े ख़त्म कर दिए हैं ? लोगों से मुहब्बत से पेश आ रहे है ?
उन्होंने कहा कि बिना किसी जुलूस के हम पैगंबर से मुहब्बत का प्रदर्शन कर सकते हैं उसके लिए सड़क की ज़रूरत नहीं है बल्कि अपने किरदार की ज़रूरत है जो नबी पाक की सुन्नतों में ढला हुआ हो जो लोग आपको सड़को पर उतरने की सलाह से रहे हैं उनसे पूछिये अगर हालात ख़राब होते हैं और जिन तख्तियों पर आप i Love MUHAMMAD सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम लिख कर निकले है वह ज़मीन पर गिरेगी तो क्या तौहीन नहीं होगी लिहाज़ा ऐसी टीशर्ट पहनने से और सार्वजनिक जगहों पर ऐसी होल्डिंग्स लगाने से बचना बेहतर है हाँ अपने घरों पर लगाइए अपनी दुकानों पर लगाइए ।
क़ौम के जज्बाती नवजवानों को आग में धकेलने वाले किसी शक्स की बात नहीं मानी जानी चाहिए और ऐसे जुलूस निकालने से बेहतर अमल है क़ानूनी चाराजुई जिसे किया जाना चाहिए साथ ही हज़रत ने कहा कि कल जुमे का मुबारक दिन है ११ वीं शरीफ का महीना है इस जुमे को आलमी गोशये दुरूद क़ायम किया जाए बाद नमाज़े जुमा सब अपनी अपनी मस्जिद में रुकें और इसमें शरीक हों और कई अरब दुरूद अपने नबी की बारगाह में पेश करें हर मस्जिद में इसका एहतेमाम किया जाए घरों में औरते गोशये दुरूद क़ायम करें ।
पैगंबर की अज़मत और उनसे मुहब्बत का यह सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा जिसमे ख़ैर के सिवा कुछ नहीं एक बात का और ख्याल किया जाए की हर जगह से सोशल मीडिया पर भी इसे लाइव करने की कोशिश की जाए या फिर फोटो भेजे जाए जिससे दुनिया देखे की नामे मुहम्मद पर मर मिटने वाले लोग कितने अमन पसंद हैं और इनके प्रदर्शन का तरीका भी कितना अमन वाला है ।

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