उर्स ए मख्दूमे सिमना पर बोले सैय्यद अशरफ कर्बला के मुंकिर ज़ुल्म के पैरोकार

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उर्स ए मख्दूमे सिमना पर बोले सैय्यद अशरफ कर्बला के मुंकिर ज़ुल्म के पैरोकार

24 जुलाई 2025 गुरुवार ,किछौछा ,अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश ऑल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हजरत

24 जुलाई 2025 गुरुवार ,किछौछा ,अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश

ऑल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हजरत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने सभी को गौसुल आलम हजरत मख़्दूम अशरफ़ जहांगीर सिमनानी रहमतुल्लाह अलैही के उर्स की मुबारक पेश करते हुए कहा कि सूफ़िया ने जो मुहब्बत का चमन बनाया आज कुछ लालच के अंधे लोग चंद सिक्को और सस्ती शोहरत की ख़ातिर उसे उजाड़ने पर तुले हैं,उन्होंने कहा सूफ़िया की तहरीक ख़िदमते ख़ल्क़ है और दिलों पर उनकी हुकूमत क़ायम है कोई चाह कर भी नफ़रत और ज़ुल्म के ज़रिये दिलों पर हुकूमत नहीं कर सकता ।
हज़रत ने कहा कि सैकड़ों सालों के बाद आज भी मख़दूम पाक के आशिक़ हर जगह मिलते हैं और लाखों की तादाद में आस्ताने पर अक़ीदतों के फूल लिए नज़र आते हैं, भला कोई किसी ज़ालिम बादशाह हुक्मरान का कोई चाहने वाला मिलता है कहीं ? उन्होंने कहा कि सैकड़ों सालों से बारगाहे मख़दूमे सिमना से लोगों को लगातार फ़ैज़ मिलता आ रहा है यही वजह है की लाखों करोड़ो आसेबज़दा मुसीबत के मारे इस दर से शिफ़ा पाते हैं।
हज़रत ने कहा मुल्क में इस वक़्त नफ़रत की हवा बह रही है जिसमें सभी झुलस रहे हैं न सिर्फ़ वह जिन्हे निशाना बनाया जा रहा है बल्कि वह ख़ुद भी जिन्हें इसके लिए ईधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है दोनों नुक़सान में है और नफ़रत के सौदागर अपना घिनौना खेल खेल रहे हैं देश में विदेशी पैसों पर पलने वाले कुछ लोग और तंज़ीमे इस मुहब्बत के चमन को जलाना चाहते हैं ।
पाकिस्तान के कट्टरपंथी विचारकों के समर्थक कुछ लोग करबला को झुटलाने पर आमादा हैं क्योंकि हुसैनियत बर्बरता से रोकती है और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ है लिहाजा लोगों को इससे दूर करने की साज़िश की जा रही है ताकि लोग ज़ालिम के साथ हों और मज़लूम से हमदर्दी न रखें ।
हज़रत ने कहा देश की ख़ुफ़िया एजेंसी और सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे लोगों पर नज़र रखनी चाहिए जिनका यह पाकिस्तान में पनपने वाला ज़हरीला विचार है और अगर देश में कोई इससे प्रभावित है तो उसका क्या रिश्ता है इसकी जाँच ज़रूरी है !
हुसैन आतंकवाद के ख़िलाफ़ बर्बरता और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ खड़े होने वालों की रहनुमाई करते हैं और उनकी क़ुर्बानी पर उंगली उठाने वाले और यज़ीद के हिमायती आतंकवाद के समर्थक हैं अब फ़ैसला भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को करना है कि आतंक की सोच को रोकने के लिए क्या कार्यवाही करनी है ।
हज़रत ने उर्स के मौके पर खानकाह अशरफीया शेख़ ए आज़म सरकार ए कलां कीछोछा शरीफ में लोगों को नसीहत करते हुए कहा कि नफ़रत का मुक़ाबला नफ़रत के साथ नहीं किया जा सकता ,नफ़रत को मिटाने के लिए मुहब्बत हथियार है हम सबको लोगों की मदद करनी है परेशान लोगों के काम आना है बिना उसकी ज़ात उसका मज़हब देखे ! हज़रत ने इस मौक़े पर पूरी दुनिया में अमन के लिए ख़ास तौर से फिलिस्तीन में अमन की दुआ की और भारत की समृद्धि शांति के लिए ख़ास दुआ की ।

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