मार्च 17, 2022 (पीलीभीत) आल इंडिया उलेमा मशाइख बोर्ड व ख्वाजा इमाम इस्लामिक ट्रस्ट के बैनर तले क़ादरी मन्ज़िल खुश्बू इन्क्लेब बरेली में प्रेस कॉन्फ
मार्च 17, 2022 (पीलीभीत)
आल इंडिया उलेमा मशाइख बोर्ड व ख्वाजा इमाम इस्लामिक ट्रस्ट के बैनर तले क़ादरी मन्ज़िल खुश्बू इन्क्लेब बरेली में प्रेस कॉन्फ्रेंस व जश्ने अज़मते शबे बरात का आयोजन किया गया अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती साजिद हसनी ने अपनी तकरीर में कहा कि शाबान इस्लामी साल का आठवां महीना है हज़रत अबु हुरैरा रदी अल्लाहुता’ला अन्हु से मरवी है कि हुज़ुर (सल्ललल्लाहु अलयहि वस्सल्लम) ने फ़रमाया “शाबान मेरा महीना है रजब अल्लाह ता’ला का महीना है और रमज़ान मेरी उम्मत का महीना है “
शाबान गुनाहों को दूर करने वाला है और रमज़ान गुनाहों से बिलकुल पाक साफ करने वाला है शाबान दो मुबारक महीनों (रजब- रमज़ान) के दरमीयान है इस महीने में बंदे के आमाल रब्बुल आलमीन के हुज़ुर पेश कीये जाते हैं इस महीने में खुदा ता’ला की तरफ़ से बंदो पर बडी बरकतें नाज़िल होती हैं , नेअमतें अता की जाती हैं नेकीयों के दरवाज़े खोल दीये जाते हैं , खता एं माफ़ की जाती है और गुनाहों का कफ़्फारा अदा होता है इस माह में जब 15 वी रात (शबे बरात) आए तो रात में इबादत करो और दिन को रोज़ा रखो इस रात में किस्मत लिखी जाती है (करामन – कातेबीन) का पुराना दफ्तर बंध होता है और नया दफ्तर( रजिस्टर) खुलता है , कीसी को इसमे सआदत नसीब होती है और कीसी को शकावत,(बदबख्ती) सालभर में जो आपकी किसमत में होने वाला है वो तहरीर किया जाता है 14 वी के दिन असर मगरीब के बीच में गुस्ल करें 15 वी शाबान की इबादत की नीयत से तो पानी के हर कतरे के बदले 700 रका’त नफ़िल नमाज़ का सवाब मिलेगा सूरज डूबने से पहेले 40 बार “ला होल वला कुव्वत इल्ला बिल्लाहील अलीय्यील अज़ीम “पड़े , तो खुदा ता’ला उसके 40 साल के गुनाह माफ़ कर देगा और 4 हुरे उसको जन्नत मे मिलेगी मुस्लिम महिला धर्म गुरू – इस्लामिक स्कालर – आलिमा फाजिला हाफ़िज़ा मुफ्तिया आयशा खातून खातून – ने कहा कि 15 वी रात शबे बरात इस मुबारक रात में गुस्ल करके दो रका’त तहीयतुल वुज़ु पड़े सुरमा लगाए (दांइ आंख में तीन सलाइ और बांइ आंख मे दो सलाइ) , मिस्वाक करें खुशबू लगाएं कब्रस्तान जाए मरहूमीन को इसाले सवाब करें हलवा बनाए और फ़ातेहा दे, बीमार की अयादत करे नफ़िल नमाज़े पड़े दुरुदो सलाम पड़े सुरह यासीन शरीफ़ की तिलावत करें और अपने-अपने मर्हुमों की मग़फिरत की दुआए करें क्युंकि हदीस शरीफ़ मे आया है कि शबे बरात की रात को मर्हुमो की रुहें अपने घरों के दरवाज़े पर जाकर पुकारती हैं कि अय घर वाले रहम करो आज की रात हमारे लिएये कुछ सदक़ा करो क्युंकि हम लोग इसाले सवाब चाहते है , अगर तुमने उनके नाम कुछ इसाले सवाब कर दिया तो वो खुश होकर दुआ ए देकर जाती हैं और जब कुछ नहीं पाती तो ना उम्मीद हो कर वापीस जाती हैं आलिमा गुल जहां नूरी अन्सारी ने कहा कि गौसे समदानी शैख अब्दुल क़ादीर जीलानी (रदी अल्लाहु ता’ला अन्हु) फ़रमाते है हदीषे पाक मे आया है कि हुज़ुर (सल्ललल्लाहु ता’ला अलयहि वस्सल्लम) ने इर्शाद फ़रमाया कि शाबान की 15 वी शब जीब्रीले अमीन मेरे पास आए तो मैंने शबे बरात के बारे में दरयाफ़्त फ़रमाया तो जीब्रीले अमीन ने अर्ज़ किया की ये वो रात है जीसमें अल्लाह ता’ला तीन सौ रहमत के दरवाज़े खोल देता है और हर गुनाहगार को बख्श देता है ,मगर जो मुशरिक हो , जादुगर हो , शराबी हो और सुदखौर जब तक तौबा ना करले नहीं बख्शा जाता आखिर में मुल्क में अमन व अमन की दुआ मांगी गई।
Source: https://up18newsonline.wordpress.com/2022/03/17/up18newschannel-90/
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