नई दिल्ली: 19 सितम्बर आल इंडिया उलमा माशायख बोर्ड की तरफ से रोहिंग्या से भारत आये परिवारों की मदद के लिये राहत सामग्री बांटी गयी ।बोर्ड ने बयान जारी क
नई दिल्ली: 19 सितम्बर आल इंडिया उलमा माशायख बोर्ड की तरफ से रोहिंग्या से भारत आये परिवारों की मदद के लिये राहत सामग्री बांटी गयी ।बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि हमारा काम मोहब्बत बांटना है और मोहब्बत को किसी सरहद,धर्म, संप्रदाय की दीवारों से नहीं रोका जा सकता ,बोर्ड की तरफ से लोगों से अपील की गई कि लोग सिर्फ प्रदर्शन न करे बल्कि परेशानहाल लोगों की हर संभव मदद के लिये भी आगे आयें।
ए.आई.यू.एम. बी. के लोगों ने दिल्ली के कंचनकुंज इलाक़े में शरण लिये रोहिंग्या शरणार्थियों के बीच पहुंचकर उनका हाल लिया और उन्हें राहत सामग्री बांटी।
लोगों ने बताया कि किस तरह उनपर ज़ुल्म किया जा रहा है ।वहीं बर्मा से आये लोगों ने भारत सरकार से बोर्ड के माध्यम से यह याचना भी की जैसे ही बर्मा में हालात सामान्य हो जाते हैं हम खुशी खुशी वापस चले जायेंगे लेकिन तब तक हमे भारत में रहने दिया जाये।
आल इंडिया उलमा मशायख बोर्ड शुरू से भारत सरकार से यह मांग कर रहा है कि भारत सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को ऐसे समय में जब बर्मा में उनका जीवन संकट में है वापस न भेजे और मानवता के आधार पर उन्हें भारत में रहने दिया जाये।बोर्ड ने इस आशय का पत्र संयुक्त राष्ट्र संघ को भी लिखा है।
बोर्ड के संस्थापक अध्यछ हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी के निर्देश पर बोर्ड से यूनुस मोहानी ,मौलाना मुख्तार अशरफ,सय्यद सैफ नक्वी,हाफ़िज़ कमरूद्दीन,हाफ़िज़ सद्दाम,सय्यद अंजर अकील मदारी इत्यादि लोगों ने राहत सामग्री बांटी।
By: Yunus Mohani.
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