HomePress ReleaseStatements

भारत पाकिस्तानी वहाबी आतंकवाद के खतरे से निमटने और राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए चिंतित हो जाए: उड़ी हमले पर ऑल इंडिया उलेमा मशाईख बोर्ड की प्रतिक्रिया

19 Sep New Delhi. ऑल इंडिया उलेमा मशाईख बोर्ड के संस्थापक और अध्यक्ष और हाल ही में दिल्ली में हुए वर्ल्ड सूफी फोरम के मुख्य आयोजक मौलाना सैयद मोहम्मद

19 Sep New Delhi.

uri-terrorism-leadऑल इंडिया उलेमा मशाईख बोर्ड के संस्थापक और अध्यक्ष और हाल ही में दिल्ली में हुए वर्ल्ड सूफी फोरम के मुख्य आयोजक मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने उड़ी आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिको के परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति और संवेदना प्रकट की। किछौछवी इस घटना की निंदा करते हुए कहते हैं कि “यह आने वाली बड़ी मुसीबत की चेतावनी है जिसकी खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है”।

सैयद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि “इस समय भारत को चाहिए कि वहाबी आतंकवाद के खतरे से निमटने और राष्ट्र तथा लोगों की आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंतित हो जाए। उन्हों ने कहा कि 4 मई 2002, की कालूचक त्रासदी के बाद, जिसने 12 नागरिकों और 22 सुरक्षाकर्मियों की जान ले ली थी, उड़ी आतंकी हमला सबसे घ्रणित और खूनी विनाश के रूप में सामने आया है।

उन्होंने ने कहा कि “भारतीय सेना द्वारा जाँच करने पर जो सुचना मिली है कि इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन है, इस से इस आतंकी हमले का कारण बिलकुल साफ है। “इसका मकसद कश्मीर के भोले भाले मुस्लिम युवाओं को भड़काना और राज्य में नए सिरे से हिंसा फैलाना और क्षेत्र में ‘‘युद्ध जैसी स्थिति”पैदा करना है।

सैयद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि “यह जम्मू कश्मीर की उस घाटी पर हुआ जहाँ शांतिपूर्ण, बहुलवादी ऋषि-सूफी परंपरा को नष्ट करके वहाबी विचारधारा ने जगह ले ली है।

उन्हों ने कहा कि “उड़ी हमला पाकिस्तान में पनपती हुई उस आतंकी विचारधारा का नमूना है जो स्वयं अपनी इस्लामिक देश में मासूम बच्चों, औरतों, बुजुर्गों की क्रूर हत्या की दलील पेश करता है, केवल इस लिए क्युकि उनकी नज़र में वे “सही अक़ीदे वाले मुसलमान” नही हैं”। “पकिस्तान के जैश ए मुहम्मद, लश्कर ए तैय्यबा या किसी अन्य हिंसक जिहादी संगठन के आतंकवादी केवल “शहादत” हासिल करने के लिए हिंसा फैला रहे हैं।उनके लिए जन्नत में सीधे प्रवेश पाने के लिए ये एक आसन रास्ता है।जबकि पाकिस्तानी राज्य इस जिहादी मूर्खता का भरपूर फ़ायदा उठा रही है”।  “हम इनकी इस बेवकूफाना हरक़त की कड़ी निंदा करते हैं। जैश ए मुहम्मद जैसे इन चरमपंथी संगठनों का ध्येय भारत को कश्मीर से अलग करना, भोले भाले मुस्लिम युवाओं को भड़काना और राज्य में नए सिरे से हिंसा फैलाना और क्षेत्र में ‘‘युद्ध जैसी स्थिति” पैदा करना है”।

COMMENTS

WORDPRESS: 0
DISQUS: 0