18 अगस्त रविवार आल इण्डिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने महाराष
18 अगस्त रविवार
आल इण्डिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने महाराष्ट्र में एक नफ़रत के समर्थक और वैचारिक आतंकवादी रामगिरि महाराज नामक व्यक्ति द्वारा पैग़म्बरे इस्लाम की शान में शदीद ग़ुस्ताखी पर सख़्त ग़म और ग़ुस्से का इज़हार किया है उन्होंने कहा कि ऐसे समाज को तोड़ने का प्रयास करने वाले व्यक्ति पर महाराष्ट्र सरकार को सख़्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि लोगों में व्याप्त रोष को रोका जा सके ।
उन्होंने कहा कि जिस तरह लोगों में एक चलन सा चल निकला है कि कोई भी वैचारिक आतंकवादी उठता है और सीधे हमारे नबी की शान में ग़ुस्ताखी कर देता है और उसे पता है कि इस तरह वह सस्ती लोकप्रियता और सत्ता का संरक्षण प्राप्त कर लेगा लेकिन अब हद हो चुकी है सत्ता को समझना होगा कि यदि यह वैचारिक आतंकवाद नहीं रोका गया तो इसका गंभीर परिणाम होगा क्योंकि इस प्रकार की घटनाओं से लोगों का क़ानून व्यवस्था में विश्वास डिगता है और संघर्ष की स्थिति पनपती है ।
उन्होंने कहा सिर्फ़ इतना ही नहीं नफरती बोलों पर सभ्य समाज की चुप्पी भी चिंतनीय है अगर यह चुप नहीं टूटी तो यह वैचारिक आतंकवादी अपनी हद से ऐसे ही गुज़रते रहेंगे और परिणाम अराजकता ही होगा क्योंकि जब क़ानून अपना कार्य सही ढंग से नहीं करता और सिस्टम में इंसाफ़ कमज़ोर हो जाता है तो उससे अराजकता पनपती है ।
हज़रत ने कहा कि रामगिरि ने सिर्फ़ पैग़म्बर पर टिप्पणी नहीं की है उसने ऐसा करके श्री राम के नाम को गंदा किया है क्योंकि मैं समझता हूँ अगर यह व्यक्ति धार्मिक होता तो कभी ऐसी ग़ुस्ताखी नहीं करता ।
हज़रत ने सभी सेक्युलर लोगों से आगे आकर ऐसे कृत्य का कड़ा विरोध करने का आह्वान किया और सरकार से सख़्त ईशनिंदा क़ानून बनाने की माँग दोहराई उन्होंने कहा कि हम लगातार माँग करते आ रहे हैं कि कठोर ईशनिंदा क़ानून बनाया जाये हज़रत ने कहा ऐसे समय में जब भारत के पड़ोसी देशों में अफ़रातफ़री का माहौल बना हुआ है और दुनिया की ताकते भारत में वही माहौल बनाना चाह रही हैं तो यह वैचारिक आतंकवादी उनका सहयोग कर रहे हैं ताकि देश में सांप्रदायिक दंगे हों और अस्थिरता फैले सरकार को इसे गंभीरता से देखना चाहिए ।
हज़रत ने लोगों से भी लोकतांत्रिक तरीक़े से विरोध करने की बात कही और इन वैचारिक आतंकियों की चाल में फँसने से बचने की अपील की उन्होंने कहा अदालतों का रुख़ करते हुए ऐसे लोगों को कड़ी सजा दिलवाने की हर कोशिश करनी चाहिए लेकिन हिंसा किसी चीज़ का हल नहीं है इसका ख़्याल रखा जाना चाहिए ।किसी भी क़ीमत पर क़ानून के ख़िलाफ़ जाकर कम करने की ज़रूरत नहीं है बल्कि लोकतांत्रिक तरीक़े से क़ानून का सम्मान करते हुए कड़ा विरोध दर्ज करना चाहिए देश के हर कोने में ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ एफ़.आई.आर दर्ज कराई जानी चाहिए और सरकार से ईशनिंदा क़ानून बनाये जाने की माँग करनी चाहिए इस आशय का ज्ञापन भेजा जाना चाहिए ।
अदालतों का दरवाज़ा भी खटखटाना चाहिए बोर्ड द्वारा ग्रह मंत्री को महाराष्ट्र सरकार को आदेश करने के लिए पत्र लिखा गया है कि इस वैचारिक आतंकवादी की तुरंत गिरफ़्तारी हो यदि ऐसा नहीं होता तो बोर्ड सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा भी खटखटायेगा ।
COMMENTS