नई दिल्ली। सैय्यद मोहम्मद अशरफ़ किछौछवी (सदर ऑल इण्डिया ओलमा व मशाइख बोर्ड) ने कहा कि दाइश जैसी दहशतगर्द तन्ज़ीमों के दहशतगर्द अल्लाहोअकबर जैसा मुक़द
सैय्यद मोहम्मद अशरफ़ किछौछवी (सदर ऑल इण्डिया ओलमा व मशाइख बोर्ड) ने कहा कि दाइश जैसी दहशतगर्द तन्ज़ीमों के दहशतगर्द अल्लाहोअकबर जैसा मुक़द्दस नारा लगा कर बेगुनाहों का खून बहा रहे हैं। जिनकी वजह से पूरी दुनिया में अम्न, शान्ति और पीस का मज़हब दीने इस्लाम बदनाम हो रहा है। किछौछवी ने कहा कि दहशतगर्द तन्ज़ीमें जहां एक तरफ़ इस्लाम की बदनामी का सबब बनी हुई हैं, वहीं ये इंसानियत, अम्न और हमारे प्यारे वतन हिन्दुस्तान की भी कट्टर दुश्मन हैं।
सदर ऑल इण्डिया ओलमा व मशाइख बोर्ड की जानिब से उन्होंने कहा कि दाइश के दहशतगर्द क्योंकि अपने हाथों में ला-इलाहा इल्लल्लाह और मोहम्मदुर रसूल अल्लाह जैसा मुकद्दस कलमा लिखा हुआ झण्डा और आख़री आसमानी किताब कु़रआने मजीद दिखा कर यह बता रहे हैं कि वह इस्लामी खिलाफ़त क़ायम करना चाहते हैं और वह जो कुछ कर रहे हैं वह जिहाद है।
इन दहशतगर्दों की काली करतूतों की वजह से मुसलमानों का मुक़द्दस कलमा ला-इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मर्दुरसूल अल्लाह (स.अ.), अल्लाहतआला की भेजी हुई मुक़द्दस किताब कु़रआने मजीद और अल्लाहतआला का पसन्दीदा दीन, दीने इस्लाम पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है इसलिए बहैसियत मुसलमान हर एक मुसलमान की जि़म्मेदारी है कि ऐसे वक़्त में वह खामोश न रहे बल्कि जिस तरह से भी हो सके इनको बेनकाब करके अपने दीन और मुल्क की हिफ़ाज़त करे।
दाइश के झूठे प्रोपेगन्डे से मुतास्सिर होकर भोले-भाले नवजवानों को भी बहकने का ख़तरा बढ़ गया है। इसलिए ओलमाये केराम की जि़म्मेदारी है कि वह भी जगह-जगह इस फि़क्र को बेनकाब करके अपनी शरई और दीनी जि़म्मेदारी अदा करें।
इस फि़क्र को शिकस्त देने का आसान तरीक़ा ये है कि सभी मस्जिदों के इमाम, जुमे के दिन अपने-अपने खुतबे में दाइश जैसी दहशतगर्द तन्ज़ीमों, दहशतगर्दी फि़क्र को पैदा करने वाली किताबों, इदारों या उनकी किसी भी तरह से मदद करने वालों को बेनकाब करें। क्योंकि ऐसा करना ही दीने इस्लाम, इंसानियत और मुल्क की सच्ची खिदमत है अगर लगातार जुमे के खुतबे में इमामे जुमा इस काम को अन्जाम देंगे तो इंशाअल्लाह हमारा प्यारा वतन इस्लाम को बदनाम करने वाली इस दहशतगर्दी फि़क्र से महफ़ूज़ रहेगा। क्योंकि ऐसा करना दीन, मुल्क और इंसानियत की सच्ची खिदमत है इसलिए पूरे हिन्दुस्तान के इमामे जुमा हज़रात से मेरी गुज़ारिश है कि वह अपने जुमा के खुतबे में दाइश जैसी फि़क्र को मुसलसल बेनकाब करें।
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