मेरठ (4 अगस्त) मेरठ की सरज़मीन से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए आल इंडिया उलमा मशाइख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ क
मेरठ (4 अगस्त)
मेरठ की सरज़मीन से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए आल इंडिया उलमा मशाइख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि हमे उन्हें याद करना होगा जिन्होंने हमे आज़ाद हिन्दोस्तान दिया जिनकी कुर्बानियों की वजह से आज हम अपने देश में आराम से रह पा रहे हैं लेकिन हम खुद अपने पूर्वजों को भुला रहे हैं, हम आज अल्लामा फज़ले हक़ खैराबादी को नहीं जानते जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले जिहाद का फतवा दिया, हमने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ,मौलाना शौकत अली जौहर को भुला दिया, हद हो गयी हमें अशफाकुल्लाह खान का नाम भी नहीं पता, यह हमारी बेहिसी का नतीजा है, हमे अपनी आने वाली नस्लों को यह बताना होगा कि हमारे बुजुर्गों ने हमारे देश की आजादी के लिए कैसी कैसी कुर्बानी दी है, यह मुल्क हमारा है इसकी हिफाज़त हम सब कि ज़िम्मेदारी है. हज़रत ने कहा कि मौलाना हसरत मोहानी जिन्होंने देश की सम्पूर्ण स्वतंत्रता की सबसे पहले मांग की आज हम उन्हें भूल चुके हैं उनका नारा इन्कलाब जिंदाबाद तो लगाते हैं लेकिन इसको किसने दिया नहीं जानते हैं, यह विचार उन्होंने बड़ी मस्जिद शाहपीर साहब मेरठ में नमाज़े जुमा से पहले अपने संबोधन में रखे .
उन्होंने कहा इस बार आल इंडिया उलमा मशाइख बोर्ड ने 14 अगस्त आजादी कि पूर्व संध्या पर एक शाम आज़ादी के परवानों के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया है जिसमे मुजाहिदीने आज़ादी के लिए इसाले सवाब की महफ़िल होगी, जिसे हर जगह किया जायेगा ,इसका एलान मेरठ से इसलिए हो रहा है क्योंकि जंगे आजादी का इस शहर से गहरा रिश्ता है. हज़रत यहाँ आल इंडिया उलमा मशाइख बोर्ड की मेरठ शाखा के सचिव पीर सय्यद अह्मद अली शत्तारी की दावत पर तशरीफ़ लाये उनका इस्तेकबाल मस्जिद के मुतवल्ली सय्यद मोहम्मद अली ,हाफिज मोहम्मद हसन समेत बोर्ड के तमाम ज़िम्मेदारों ने किया
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