جموں کشمیر کے پلوامہ میں سینٹرل ریزرو پولیس فورس کے قافلے پر دہشت گردانہ حملے کے خلاف احتجاجی مظاہرہ میں خطاب کرتے ہوئے آل انڈیا علماء مشائخ بورڈ مرادآباد یونٹ کے صدرقاری عامر رضا اشرفی صاحب نے کہا کہ اس بزدلانہ و وحشیانہ حرکت کی جتنی بھی مذمت کی جائے کم ہے۔ہم ہندوستانی مسلمان اس دہشت گردانہ حملہ کے خلاف شدید بیزاری اورنفرت کااظہار کرتے ہیں اورشہید جوانوں کے اہل خانہ کے غم میں برابر کے شریک ہیں اورزخمی جوانوں کی صحت یابی کے لئے دعا کرتے ہیں ۔
بورڈ کے ذمہ دار مولانا مختار اشرف صاحب نے کہاکہ ۱۴؍فروری کو پلوامہ میں جو حملہ ہوا اس قدر خوفناک اور انسانیت سوز تھاکہ اس کی مثال نہیں ملتی ۔اس سانحہ کے بعد پورے ملک میں غم وغصہ کی لہر ہے، انہوں نے حکومت سے دہشت گردی کونیست ونابود کرنے کے لئے ٹھوس کاروائی کئے جانے کا مطالبہ کیا۔
مولانا راحل اشرفی صاحب نے اس دہشت گردانہ حملے کی مذمت کرتے ہوئے قصورواروں کے خلاف سخت کارروائی کا مطالبہ کیا ۔حافظ فاروق صاحب کہا کہ مذہب اسلام ہر قسم کے تشدد اور ظلم و ستم کے ہمیشہ خلاف رہا ہے اورحکومت ہندسے مطالبہ ہے کہ اس مسئلہ کا کوئی مستقل حل تلاش کیا جائے۔
حافظ نظر الحسن اشرفی صاحب نے کہا کہ ملک دشمن عناصر کی جانب سے جو دہشت گردانہ حملہ کیا گیاوہ بزدلانہ حرکت ہے ملک کا ہر شہری اس طرح کے دہشت گردوں کے حملے کی مذمت کرتا ہے اور بزدلانہ اور جاہلانہ قرار دیتا ہے۔
قاری محمد عارف صاحب نے کہا کہ دہشت گردی کو جن جن ممالک کا تحفظ حاصل ہے ان سے بین الاقوامی برادری کو چاہیے کہ ناطہ توڑ لے اور کہا کہ کشمیر میں شہید ہوئے جوانوں کے ساتھ پورا ملک کھڑا ہے۔
جلوس کے آخر میں سی آر پی ایف کے جوانوں کی شہادت پر افسوس کا اظہار کرتے ہوئے ان کو خراج عقیدت پیش کی گئی ۔
الجامعۃ الصابرہ للبنات میں بھی مظاہرہ کیا گیا جس میں کثیر تعداد میں طالبات نے حصہ لیااور حادثہ میں جاں بحق ہونے والے تمام فوجی جوانوں کے اہل خانہ سے ہمدردی کا اظہار کرتے ہوئے زخمیوں کے لئے صحت یابی کی دعا کی گئی۔
26 फरवरी, लखनऊ
आल इंडिया उलमा व मशाइख बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने भारतीय एयरफोर्स के ज़रिए पी ओ के में आतंकियों पर हमले की कार्यवाही पर कहा है कि हम आतंक के विरोध में एक साथ है। हज़रत ने कहा कि आतंक दुनिया के लिए बड़ा खतरा है इसके खात्मे की ज़रूरत है वरना मानवता पर मंडराते संकट को टाला नहीं जा सकता।उन्होंने कहा कि इस्लाम हर किस्म के ज़ुल्म के खिलाफ है और इसकी तालीम है कि जिसने किसी बेगुनाह को क़त्ल किया उसने पूरी इंसानियत का क़त्ल किया ।आतंक का न किसी मज़हब से ताल्लुक़ है और न ही आतंकी इंसान हैं, किसी मज़ब के क्या होंगे जो इंसान ही नहीं है और इनकी समाज में कोई जगह नहीं है।
हज़रत ने भारतीय एयरफोर्स के साहस और पराक्रम की प्रशंसा की और उनकी कामयाबी के लिए मुबारकबाद दी।
By: यूनुस मोहानी
महाराज गंज, यूपी
आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड द्वारा देश भर में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन जारी है। कल बोर्ड के युवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सय्यद आलमगीर अशरफ ने इंदौर की एक जामे मस्जिद से ख़िताब करते हुए इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी और आज राजकोट में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन करने जा रहे हैं जिस में दोषियों के ख़िलाफ़ जल्द और कड़ी सज़ा की मांग की जाएगी। सय्यद अशरफ के मुताबिक़ बोर्ड देश के कोने कोने से इस आवाज़ को उठाएगा और जब तक सज़ा नहीं मिल जाती विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
इसी कड़ी में यूपी के महाराज गंज ज़िले के नौतनवा में सय्यद अफ़ज़ाल अहमद और मौलाना क़मर आलम की अगुवाई में हमले के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुआ जिस में नौतनवा के लगभग सभी मदरसों के विद्यार्थियों, अध्यापकों, मस्जिदों के इमामों ने भाग लिया और एक साथ बोर्ड की आवाज़ को मज़बूत किया कि सब्र का पैमाना भर चुका है। अब ज़ालिम और क़ातिल को बख्शा ना जाये।
मदरसा अशरफिया दारुल उलूम और मदरसा गौसिया बरकतुल उलूम के प्रबंधकों और अध्यापकों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए कहा कि मुल्क पर उठने वाली किसी भी नज़र को हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।
विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे मौलाना कमर आलम ने कहा कि यह मुल्क हमारा है और इस मुल्क का हर बाशिंदा हमारा भाई है। मुल्क की सरहदों पर सिपाही हमारी रक्षा में खड़े हैं। आज उन पर हुआ यह जघन्य हमला हम पर और हमारी आन बान और शान पर हमला है जो हमें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं। अगर सरकार इन के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कर सकती तो हम सर पर कफ़न बाँध कर मुल्क की हिफाज़त के लिए तैयार हैं।
मास्टर शमीम अशरफी ने कहा कि हमारे सिपाही हमारा अभिमान और स्वाभिमान हैं। हम उन के परिवार के साथ हैं। उन्हीं इन्साफ दिला कर रहेंगे और और हमला में लिप्त एक एक अपराधी को जब तक सज़ा नहीं मिल जाती चुप नहीं बैठेंगे।
इन के अलावा प्रदर्शन में हाफिज़ कलीम उल्लाह, मौलाना ज़ुल्फ़िकार, मौलाना रफ़ीक, कारी जुनैद अशरफी, मौलाना उमर, मुहम्मद इदरीस खान अशरफी, अतीक़ अंसारी, शम्स तबरेज़, मुहम्मद नियाज़ कुरैशी, आज़ाद अशरफ कुरैशी, महबूब आलम, इरशाद खान और सद्दाम हुसैन समेत मदरसों छात्र, प्रबंधक, अध्यापक और मस्जिदों के इमाम शामिल हुए।
Source: Nayasavera.net
14 फरवरी, आगरा
आल इण्डिया उल्मा व मशाईख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले की कड़ी निन्दा करते हुए कहा है कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ा है।
हज़रत ने कहा कि आतंक एक नासूर है ,इसका खात्मा ज़रूरी है सरकार बताए आखिर कब तक हम अपने सैनिकों को यूंही खोते रहेंगे और आंसू बहाते रहेंगे,।उन्होंने कहा कि हम लगातार अपने जवानों की लाशें उठा रहे हैं आखिर यह सिलसिला कब तक चलेगा?
पुलवामा में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों के परिवारों के साथ पूरा देश खड़ा है ,आतंकी घटना की कड़ी निन्दा से अब काम नहीं चलेगा बल्कि दिन प्रतिदिन बढ़ती इस प्रकार की घटनाओं को रोकना होगा।उन्होंने कहा कि हम उन लोगों का दर्द समझ सकते हैं जिन्होंने अपनों को खोया आपकी तकलीफ में हम बराबर के शरीक हैं।
6 फ़रवरी ,लखनऊ ,
विगत 36 महीनों से वेतन न मिलने पर समस्याओं से जूझ रहे मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक अलग अलग संगठन बना कर अपनी लडाई को लड़ रहे थे जिससे आपस में एक संवाद हीनता की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी और लडाई शिथिल पड़ रही थी .
आल इंडिया उलमा व मशायख बोर्ड ने इनकी लड़ाई को अपना समर्थन देते हुए जहाँ 28 जनवरी को सामाजिक न्याय सम्मलेन से इस आवाज़ को ज़ोरदार तरीके से उठाया वहीँ बड़ा क़दम उठाते हुए सभी संगठनों के प्रमुखों से मिलकर उनके विचारों को सुना बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने एक संयुक्त मोर्चा बनाकर सभी संगठनों से इसमें सदस्य रहने का प्रस्ताव रखा जिसके माध्यम से लड़ाई को एकजुटता के साथ लड़ा जा सके और संवादहीनता की जो स्थिति पनप रही है उसे रोका जा सके .
हज़रत के इस प्रस्ताव को सभी बड़े संगठनों से स्वीकार किया और प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर अपनी मजूरी दी यह इस लड़ाई को लड़ने वाले सभी शिक्षकों की पहली जीत है और जल्द ही उनकी समस्या का समाधान निकलने की ओर पहला क़दम है .
उत्तर प्रदेश में इन शिक्षकों की संख्या लगभग 30 हज़ार है जिनको एक संयुक्त मोर्चा बना कर एकजुट किया गया है .
By: यूनुस मोहानी
लखनऊ : 5 फरवरी,
देश में सीबीआई को लेकर जिस तरह बहस छिड़ी हुई है उसके बीच आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने बड़ा बयान दिया है ,उन्होंने कहा है की संवैधानिक संस्थाओं का दुरपयोग कर राजनैतिक हित साधना अनुचित है ” उनका यह बयान पश्चिम बंगाल में जारी सीबीआई बनाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घमासान पर आया ।
हज़रत ने कहा कि जिस तरह सरकार विपक्ष पर संवैधानिक संस्थाओं के माध्यम से अनुचित दबाव बना रही है वह देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए ठीक नहीं है , इस तरह सत्ताधारी दल अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज़ को दबा देना चाहता है।
देश की प्रमुख जांच एजेंसी जिस तरह अपना रूसूख खो चुकी है वह देश के लिए खतरनाक है सीबीआई,चुनाव आयोग,मीडिया,सभी धीरे धीरे कर अपना विश्वास खोती जा रही है,यहां तक की देश के रिज़र्व बैंक में भी हालात ठीक नहीं है और सर्वोच्च न्यायालय के जज भी असंतोष ज़ाहिर कर चुके है।
किछौछवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि देश के सभी न्याय प्रिय लोग उनके साथ है क्योंकि जिस तरह से लोगों पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है उसका इतना मुखर विरोध उनके न्याय के लिए मजबूत इरादों को दिखाता है उनकी इस लड़ाई में हम उनके साथ हैं।
सर्वोच्च न्यायालय सुबह ही कमिश्नर की गिरफ्तारी पर रोक लगा चुका है और अगली सुनवाई 20 फरवरी को होनी है इससे पहले नोटिस का जवाब 18 फरवरी तक देना है हालांकि कोर्ट ने शिलांग में सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए कमिश्नर को आदेश दिया है ।
हज़रत ने कहा कि देश में हर तरह की अशांति और अनन्याय के हम खिलाफ हैं और हर शोषित को हमारा समर्थन है लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम ममता बनर्जी का समर्थन करते हैं।
By: Yunus Mohani
بورڈ کے بینرتلے علماومشائخ ،دانشوروں نے سماجی انصاف کے لئے متحد ہوکرلڑائی لڑنے کا عزم کیا
(لکھنؤ۔۲۸ جنوری (پریس رلیز
آل انڈیا علماء و مشائخ بورڈ کے زیر اہتمام اندرا گاندھی پرتشٹھان،لکھنؤ میں ایک پروگرام ”ساماجک نیائے سمیلن” کا انعقاد کیا گیا جس میں پورے ملک سے بورڈ کے عہدیداروں، مسلم دانشوروں اور علماء نے حصہ لیا۔اس کانفرنس میں ملک کے سبھی بڑی درگاہوں کے سجادہ نشین اور نمائندوں نے شرکت کی۔
اس موقع پر اجتماع سے خطاب کرتے ہوئے بورڈ کے بانی وصدر حضرت سید محمد اشرف کچھوچھوی نے کہا کہ یہاں مسلم سماج کے ہر طبقے کے لوگ ملک کے ہر کونے سے آئے ہوئے ہیں، تمام لوگ جانتے ہیں کہ جس طرح کی پریشانی سے آج معاشرہ پریشان ہے، انصاف کے نام پر آپ سے ووٹ لیا جاتاہے اور بعد میں آپ کودھوکہ ملتا ہے۔
انہوں نے سوال کیاکہ ہم کب تک دھوکہ کھانا چاہتے ہیں ،یہ سوال ہر شخص سے ہے۔ انہوں نے کہا کہ ہمارا ملک ایک جمہوری ملک ہے جہاں سب کو ووٹ دے کر اظہار رائے کا اختیارہے لیکن آخر کب تک ہم دوسروں کی رائے پر چلیں گے؟ سوال یہ بھی ہے کہ کیا بناشراکت داری کے آپ کچھ کرسکتے ہیں؟ حضرت کچھوچھوی نے کہا کہ آرٹیکل 341پر جوجدوجہد چل رہی ہے کیا وہ کہیں تک پہنچی؟
اشرف کچھوچھوی نے کہا کہ اب ہم سب مل کر اس جنگ کو لڑیں اور کسی کو ہمارے جدوجہد کا غلط فائدہ نہ اٹھانے دیں اور یہ اسی وقت ممکن ہے جب اقتدار میں ہماری حصہ داری طے ہو، ہم جعلی مسکراہٹ اور جھوٹے وعدوں پر نہیں بلکہ شراکت داری کے نام پر اپنا فیصلہ کریں۔حضرت نے کہا کہ شراکت داری کے بغیر انصاف ممکن نہیں ہے، یہ صرف دھوکہ دہی ہے۔
خانقاہ شیخ العالم ردولی شریف کے سجادہ نشین اور بورڈ کے قومی مجلس عملہ کے رکن حضرت شاہ عمار احمد احمدی (نیر میاں) نے کہا کہ مدرسہ بورڈ میں جس طرح کی بدعنوانی پھیلی ہوئی ہے اس کے لئے بھی قدم اٹھائے جانے چاہئے اور یہ بھی تب ہی ممکن ہوگا جب ہم اقتدار میں حصہ داری کریں، میں حضرت اشرف میاں کی بات سے متفق ہوں کہ بدعنوانی کو ختم کئے بغیر مدارس کی حالت سنوارنے کی بات کرنا خود ایک بے ایمانی ہے۔
کرناٹک سے تشریف لائے حضرت سید تنویر ہاشمی نے کہا کہ درگاہوں سے محبت کا پیغام دیا جاتا ہے، یہ واحدایک ایسی جگہ ہے جہاں ہر مذہب کے لوگ بغیر کسی امتیاز کے آتے ہیں اور محبت کے پھول پیش کرتے ہیں، انکی حفاظت ضروری ہے اوراس کے لئے بورڈ مسلسل مطالبہ کر تارہا ہے کہ درگاہ ایکٹ بنا کر ان کی حفاظت کی جائے لیکن لوگ وعدہ کرکے مکر گئے لہذا ہمیں اب شراکت داری کی طرف جاناہوگا۔ انہوں نے کہا کہ اگر آپ اقتدار میں شریک نہیں ہوں گے تو نقصان ہی ہوگا ۔
درگاہ خواجہ غریب نواز کے گدی نشین سید سلمان چشتی نے کہا کہ نفرت کی ہر آواز کو ہمیں محبت سے دبا دینا ہے، لیکن اگر انصاف نہیں ہوا تو ایک بے چینی رہتی ہے، سماجی انصاف کے بغیر ترقی کاخواب ہی جھوٹا ہے۔ یہ کس طرح ممکن ہے کہ ایک انسان کے پاس ساری طاقت ہو اور دوسرا محروم رہے پھر دونوں کو برابر بوجھ اٹھانے کے لیے کہا جائے۔یقیناطاقتور شخص زیادہ بوجھ اٹھائے گا اور یہی عدم توازن معاشرے میں ٹکراؤ کی وجہ ہے۔
تلنگانہ سے آئے سید آل مصطفی پاشا نے کہا کہ مسلم سماج کی اس ملک میں سب سے بڑی جنگ آرٹیکل 341 پر لگی پابندی کوہٹوانا ہے۔انہوں نے کہا حکومتیں ہمیں الجھا کر اصل مسئلے سے ہٹائے رکھنا چاہتی ہیں اور سیاسی جماعتیں ہمارے درمیان تصادم کرانا چاہتی ہیں جو ہمیں کمزور کرنے کی سازش ہے لہذا اب ہمیں ہوشیار ہوکر اقتدار میں شرکت یقینی کرنی ہوگی تاکہ ہم اپنی جنگ لڑنے کے خود قابل ہوں اورجیت بھی سکیں۔انہوں نے بورڈ کے صدر کی حمایت کرتے ہوئے کہا کہ ہم اپنے قائد کے ہر کے فیصلے میں ان کے ساتھ ہیں۔
مکنپور درگاہ سے آئے بورڈ کے قومی مجلس عملہ کے رکن حضرت سیدسیدالانوارسیدی میاں نے حج کمیٹی میں ہو رہی بدعنوانی کا مسئلہ اٹھایا اورکہا کہ حاجیوں کے ساتھ سوتیلا برتاؤ ہو رہا ہے اورزیادہ پیسے لے کر سہولتیں نہیں مل رہی ہیں۔ اس بدعنوانی کوختم کرنا ہوگا اور یہ بھی شراکت داری کے ساتھ ہی ممکن ہے ۔ انہوں نے کہا کہ ہم نے اپنا اپناقائد اشرف میاں کوبنایا ہے اور ہمیں ان کی حوصلہ افظائی بھی کرنی ہے اورساتھ بھی دینا ہے۔
احمد آباد سے تشریف لائے سید نصیر الدین چشتی نے کہا کہ آج ہم جہاں کھڑے ہیں اگر ہم ا بھی بھی اپنی قیادت مضبوط نہیں کر پائے تو سماجی انصاف کی لڑائی کبھی نہیں جیتی جا سکتی لہذا ہم سب اشرف میاں کے ساتھ برابری سے اس جنگ میں شریک ہیں اور ان کی ہر طرح کی حمایت کرتے ہیں۔
بورڈ کی ایڈوائزری کمیٹی کے رکن پروفیسر خواجہ اکرام الدین نے تعلیمی نظام اور مدرسے کے موضوع پر بات کرتے ہوئے مدرسہ بورڈ کی بدعنوانی کے بارے میں تفصیلی بحث کرتے ہوئے مدارس کی بہتری کے بارے میں بتایا۔ خواجہ اکرام نے کہا تعلیم اگر معیاری نہیں ہوگی تو نقصان تو ہوگا ہی اس کے لئے متحد ہوکر بورڈ کو مضبوط کرنا ہے اورشراکت داری کی اس جنگ کو لڑناہے۔
اجلاس کوریٹایرڈ IAS افسر انیس انصاری نے بھی خطاب کیا اور آرٹیکل 341 کے سلسلے میں لوگوں کو بیدار کیا۔
جدید مدرسہ استاد یونین کے صدر سمیت دیگر عہدیداروں نے اپنے مسئلہ کو بورڈ کے پلیٹ فارم کے ذریعے متعارف کرایا۔دہلی سے آئے پروفیسر سید اختر نے بھی مدرسہ ایجوکیشن کو بہتر بنانے پر اپنی بات رکھی۔اس کے ساتھ دیگر علماء نے بھی کانفرنس سے خطاب کیا اور شراکت داری کی بات پر بورڈ کے فیصلے کی تائید کرتے ہوئے کرتے ہوئے کہا کہ ہم بڑی مشکل سے قائد کوتلاش کرپائے ہیں اب ہم آپ کے فیصلے کے ساتھ ہیں۔
اس موقع پر بورڈ نے تمام سیاسی جماعتوں کومخاطب کرتے ہوئے میمورنڈم پڑھا اوربعد میں سبھی سیاسی جماعتوں کومیمورنڈم بھیجا گیا۔
پروگرام میں آئے ہوئے مہمانوں کا استقبال بورڈ کے ریاستی صدر سید شادان شکوہ مداری نے کیا اورنظامت کے فرائض مولانااشتیاق قادری نے انجام دیا۔