अजमेर 27 सितम्बर
दरगाह हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज़ में छटी के मौके पर चिश्ती मंज़िल में मैसेज ऑफ कर्बला नाम से ऑल इण्डिया उलमा मशाइख़ बोर्ड ने कार्यक्रम आयोजित किया जिसकी सरपरस्ती बोर्ड के संरक्षक हज़रत मौलाना सय्यद मोहम्मद मेंहदी मियां चिश्ती ने की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बोर्ड की अजमेर शाखा के अध्यक्ष हज़रत मौलाना सय्यद शाहिद चिश्ती ने की उन्होंने कहा कि इस वक़्त दुनिया को अगर बचाया जा सकता है तो वह तरीका हज़रत इमाम हुसैन का तरीका है ,ज़ुल्म के खिलाफ खामोश रहना भी ज़ुल्म है । समाज में ज़ुल्म बढ़ रहा है जो तावतवर है वह कमजोर को जीने नहीं देना चाहता नतीजा यह कि हर तरफ लोग परेशान हैं, सब को इन नफरतों के खिलाफ मोहब्बत लेकर खड़ा होना होगा यही पैगाम कर्बला का है जिसे हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ ने आगे बढ़ाया और फरमाया मोहब्बत सबके लिये नफरत किसी से नहीं।
बोर्ड के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हाजी सय्यद सलमान चिश्ती ने कहा कि नफ़रतें कभी जीत नहीं सकती थोड़ी देर को ऐसा धोका हो सकता है कि नफरत जीत गई लेकिन इस हकीकत को छुपाया नहीं जा सकता कि नफरत हार गई मोहब्बत ही जीती है इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत से यही संदेश मिलता है लोगों ने देखा कि इमाम का पूरा घर कर्बला में है हर वह रिश्ता जिसे हम सबसे ज़्यादा अहमियत देते हैं कर्बला में मौजूद है और सबकी शहादत होती है खेमो को लूटा जाता है लेकिन यह सब होने के बाद मकसदे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जीत जाता है और यजीद की ऐसी हार होती है कि तकयामत तक हर रोज़ वह हारता है जब कहीं सच जीतता दिखता है उसमे यजीद की हार नजर आती है ।उन्होंने कहा कि कर्बला का यही पैगाम है कि नफरत कभी जीत नहीं सकती मोहब्बत को हराया नहीं जा सकता ।लिहाजा करबला के इस मैसेज को हमे आत्मसात करते हुए इस दुनिया में मोहब्बतें बांटनी है तभी हम इमाम हुसैन के सच्चे गुलाम कहलाने के हकदार है ।
कार्यक्रम में बोर्ड के दिल्ली कार्यालय के ज़िम्मेदार मौलाना मुख्तार अशरफ ने बोलते हुए कहा कि सर कटा कर सर कैसे बुलंद किया जाता है यह मिसाल कर्बला के अलावा कहीं और नहीं मिलती हर तरफ ज़ुल्म के मुकाबले में धैर्य जीत गया ऐसी अद्भुत जंग कहीं नहीं मिलती ,उन्होंने कहा सर काटने वाला हार गया और जिसने अपना सर्वसव सत्य के लिए लुटा दिया यहां तक की सर तन से जुदा हो गया लेकिन जीत इमाम की हुईं क्योंकि जिसका मकसद जीत जाता है फतह उसकी होती है ।विचारधारा हुसैन अलैहिस्सलाम की जीती और ज़ालिम यजीद हमेशा के लिये मिट गया यह है हुसैनियत कि मकसद पर कायम रहना ,अपने पथ से न डिगना,सत्य के लिये सबकुछ कुर्बान करने का जज्बा रखना, ज़ुल्म के खिलाफ खड़े होना ,यह मेरे इमाम का सदका है कि लोग ज़ुल्म के खिलाफ खड़े होना सीखे और रहती दुनिया तक कोई ऐसा सत्य के लिए अन्न्याय के खिलाफ होने वाला आंदोलन नहीं होगा जिस पर कर्बला का असर न दिखाई दे यह है करबला की जीत और इसका पैगाम यह है कि हर हाल में ज़ुल्म को रोकने के लिये खड़ा होना होगा ।
कार्यक्रम में काफी तादाद में जायरीन शामिल हुए कार्यक्रम के अंत में सलातो सलाम के बाद मुल्क सहित सम्पूर्ण विश्व में शांति की स्थापना की दुआ की गई ।
कटिहार : 23 सितम्बर
बिहार में बाढ़ पीड़ितों के बीच एल इंडिया उलमा माशाइख बोर्ड लगातार सक्रिय है और उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, इसी क्रम में आज कई गांवो में जाकर बोर्ड के कार्यकर्ताओं ने कपड़े बांटे।
अभी तक कई गांव ऐसे हैं जहां तक संपर्क नहीं हो पा रहा है और सरकारी मदद भी नहीं पहुंच रही है ,लोग बीमार हैं और उनके पास न तो चिकित्सक हैं और न ही दवा ,कई जगह लोगों के पास खाने को कुछ नहीं है और पहनने को कपड़े भी नहीं है इन सब परेशानियों को देखते हुए आल इंडिया उलमा माशायख बोर्ड के कार्यकर्ता गावों में जाकर लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं ।
बोर्ड के अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि पीड़ितो की हर संभव मदद के लिए लोग आगे आएं क्योंकि सरकारी मदद बंदरबांट का शिकार हो चुकी है और बाढ़ का ज़िक्र भी खतम हो चला है जबकि लोग बहुत परेशान हैं ।
आज कटिहार के झौआ,सिस्या,डोमोरया,सिक्रोना,रंगपरा,इस्लामपुर,किचोरा ,रानीगंज, डोकरा,सिंगलेपुर सहित पश्चिम बंगाल के खुमेदपुर और शम्सी में ऑल इंडिया उलमा माशायख बोर्ड की टीम ने मौलाना आले रसूल के नेतृत्व में राहत सामग्री बांटी। मौलाना आले रसूल ने बताया यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा और दूर दराज के इलाक़े में राहत पहुंचाई जाएगी ,लोगों की हर संभव मदद की जायेगी।
BY: यूनुस मोहानी
नई दिल्ली :22 सितम्बर आल इंडिया उलमा मशायख बोर्ड ने ईशा फाउंडेशन द्वारा नदियों को बचाये एवं साफ़ रखने के लिए चलाये जा रहे जागरूकता अभियान “रैली फॉर रीवर “ का समर्थन किया है .
बोर्ड ने अधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि नदियों का संरक्षण मानव जीवन के लिए अतिआवश्यक है यदि जल इसी प्रकार प्रदूषित होता रहा और नदिया सूखती रही तो मानव जीवन दुरूह हो जायेगा .बोर्ड के संयुक्त राष्ट्रिय सचिव हाजी सय्यद सलमान चिश्ती ने कहा कि इस्लाम ने आज से लगभग 1400 साल पहले जल संरक्षण के लिए निर्देश दिए अल्लाह के रसूल हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहुअलहिवसल्लम ने फरमाया कि नदियों में मल मूत्र का त्याग न किया जाये ,न ही उनमे गन्दगी फैलाई जाये पानी को संरक्षित किया जाये और इसको दूषित होने से बचाया जाये .खुद कुरान में पानी को लेकर कई बाते कही गयी और पानी को इश्वर का तोहफा बताया गया है .
उन्होंने जंगे कर्बला का बयान करते हुए कहा कि हुसैन और उनकी प्यास का ज़िक्र तो सभी कर रहे हैं आइये हम सब इमामे हुसैन रज़िअल्लहुतलान्हु के नाम पर मिलकर नदियों को प्रदूषण से बचाने का काम करें उनको नयी ज़िन्दगी देने के लिए आगे आयें ताकि इमाम ने जिस तरह ज़ुल्म के खिलाफ अपना सब कुछ लुटा कर फतह हासिल की हम भी मानवता के खिलाफ इस ज़ुल्म को रोकने के लिए आगे आयें और नदियों को संरक्षण के इस आन्दोलन का सहयोग करें . यहाँ हमे बस नदियों को प्रदूषण से बचाना है यही हमारा कर्तव्य है और कर्बला कर्त्तव्य से न डिगने का सबक है.
By: Yunus Mohani
नई दिल्ली: 19 सितम्बर आल इंडिया उलमा माशायख बोर्ड की तरफ से रोहिंग्या से भारत आये परिवारों की मदद के लिये राहत सामग्री बांटी गयी ।बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि हमारा काम मोहब्बत बांटना है और मोहब्बत को किसी सरहद,धर्म, संप्रदाय की दीवारों से नहीं रोका जा सकता ,बोर्ड की तरफ से लोगों से अपील की गई कि लोग सिर्फ प्रदर्शन न करे बल्कि परेशानहाल लोगों की हर संभव मदद के लिये भी आगे आयें।
ए.आई.यू.एम. बी. के लोगों ने दिल्ली के कंचनकुंज इलाक़े में शरण लिये रोहिंग्या शरणार्थियों के बीच पहुंचकर उनका हाल लिया और उन्हें राहत सामग्री बांटी।
लोगों ने बताया कि किस तरह उनपर ज़ुल्म किया जा रहा है ।वहीं बर्मा से आये लोगों ने भारत सरकार से बोर्ड के माध्यम से यह याचना भी की जैसे ही बर्मा में हालात सामान्य हो जाते हैं हम खुशी खुशी वापस चले जायेंगे लेकिन तब तक हमे भारत में रहने दिया जाये।
आल इंडिया उलमा मशायख बोर्ड शुरू से भारत सरकार से यह मांग कर रहा है कि भारत सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को ऐसे समय में जब बर्मा में उनका जीवन संकट में है वापस न भेजे और मानवता के आधार पर उन्हें भारत में रहने दिया जाये।बोर्ड ने इस आशय का पत्र संयुक्त राष्ट्र संघ को भी लिखा है।
बोर्ड के संस्थापक अध्यछ हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी के निर्देश पर बोर्ड से यूनुस मोहानी ,मौलाना मुख्तार अशरफ,सय्यद सैफ नक्वी,हाफ़िज़ कमरूद्दीन,हाफ़िज़ सद्दाम,सय्यद अंजर अकील मदारी इत्यादि लोगों ने राहत सामग्री बांटी।
By: Yunus Mohani.
राजस्थान :17 सितम्बर
देश में अशान्ति फैलाना चाहते हैं पैग़म्बर के दुश्मन यह बात आल इंडिया उलमा व मशायख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने गुजरात कि एक महिला अंजू डांगर द्वारा पैगम्बरे अमन कि शान में गुस्ताखी पर अपना गुस्सा जताते हुए कही ,हज़रत ने साफ़ कहा कि इस्लाम दुश्मन ताक़तें जानती हैं मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन अपने रसूल कि शान में गुस्ताखी हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकता इसीलिए अब यह आतंकी सोच रखने वाले देशद्रोही अपनी नीचता के चरम पर पहुँच रहे हैं ताकि मुसलमानों को तकलीफ दी जा सके .
हज़रत ने कहा आल इंडिया उलमा मशाइख बोर्ड न सिर्फ इसकी भर्त्सना करता है बल्कि इस औरत को सजा दिलाने के लिए हर मुमकिन कोशिश का एलान भी करता है हम मुल्क के कानून के मुताबिक इसे कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे ,उन्होंने यह भी कहा कि अगर सोशल मीडिया पर इस तरह की घटिया टिप्पड़ी होती रहीं किसी भी धर्म या सम्प्रदाय के खिलाफ तो भारत में शांति बनी रहना संभव नहीं होगा ,सरकार को इस पर विचार करते हुए इसे रोकना ही होगा ,देश बड़े खतरे के मुहाने पर खड़ा है ऐसे में इस प्रकार की नफरत का प्रचार सिर्फ ज़हर घोलने वाला है .
उन्होंने साफ़ कहा कि हम अपने नबी की शान में किसी भी तरह की गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेंगे ,ऐसी नीच सोच रखने वाली महिला को खुली हवा में सांस लेने का अधिकार नहीं है उसे सलाखों के पीछे होना चाहिये.
उन्होंने कहा अगर ऐसा नहीं होता है तो हम देशव्यापी आन्दोलन छेड़ेंगे ताकि आइन्दा किसी भी धर्म या सम्प्रदाए के विरूद्ध ऐसा करने वाला बक्शा न जाये और उसे सख्त से सख्त सजा मिले .यह सिर्फ धार्मिक भावनाए आहत करने भर का मामला नहीं है ,यह मामला देश को सांप्रदायिक आग में झोकने की कोशिश का भी है यानि साफ साफ देशद्रोह का है अतः इस महिला को सख़्त से सख़्त सजा की हम मांग करते हैं.
By: यूनुस मोहानी
चित्तौड़:11 सितम्बर रोहिंग्या शरणार्थियों के मसले पर सरकार के मंत्रियों के बयान से आहत आल इंडिया उलमा मशायख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि अनर्गल बयानबाज़ी बंद करें और मानवता की सेवा के लिये रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद का हाथ बढ़ाये सरकार ।
उन्होंने कहा संयुक्त राष्ट्र उच्चायोग ने भी साफ कह दिया है कि शरणार्थियों को खतरे वाली जगह पर वापस नहीं भेजा जा सकता यह नियम सभी राष्ट्रों के लिये बाध्यकारी है ।इस सिद्धांत को अंतरराष्ट्रीय कानून का हिस्सा माना जाता है इसलिए यह सब देशों पर लागू होता है चाहे उन्होंने शरणार्थी समझौते पर हस्ताक्षर किये हों या नहीं ।
हज़रत ने साफ कहा अब सरकार अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट करे कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करेगी या नहीं इसके लिये मंत्रियों को अनर्गल बयानबाज़ी करने की कोई ज़रूरत नही है क्योंकि राजनैतिक लाभ और राष्ट्रहित अलग अलग है ।राष्ट्रहित और मानवता की रक्षा सर्वोपरि है इससे समझौता नहीं किया जा सकता।
हज़रत ने साफ कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को अपने विभाग की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए,वक्फ की लूट पर लगाम लगानी चाहिये न कि अनर्गल बयानबाज़ी करनी चाहिए।
उन्होंने एक बार फिर भारत सरकार से मांग की रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत में रहने दिया जाय जबतक बर्मा में हालात सामान्य नहीं हो जाते और बर्मा सरकार से नरसंहार को रोकने के लिये कहे।हज़रत ने लोगों से इन शरणार्थियों की भरसक मदद करने की अपील भी की।
अजमेर:7 सितम्बर
भारत सरकार बर्मा से जान बचा कर आये बेगुनाह शरणार्थियों को शरण दे और मानवता को शर्मसार होने से बचाये,यह बात आल इंडिया उलमा मशाइख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने अजमेर शरीफ में कही। उन्होंने कहा भारत एक शांतिप्रिय देश है और सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापना के लिए सदैव प्रयत्नरत रहा है, इस समय जब बर्मा जो कि आदि भारत का ही अंग था वहां हिंसा चरम पर है, मानवता शर्मसार हो रही है, महिलाएं बच्चे बुज़ुर्ग, जवान कोई महफूज़ नहीं है और बर्मा में बरबरियत के साथ मानवता की हत्या की जा रही है। ऐसे में सरकार का रोहिंग्या शरणार्थियों से देश छोड़ने का आदेश निंदनीय है, हम सरकार से मांग करते हैं कि मानव जीवन बहुमूल्य है इसे बचाने के लिये हर संभव प्रयास किया जाना चाहिये। जिस प्रकार पड़ोसी देश बांग्लादेश ने मानवता के आधार पर दुखी लोगों के लिए दरवाज़े खोल दिये है भारत को भी आगे आकर रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए मदद हाथ बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ से भी इस संबंध में तुरंत कारगर क़दम उठाने की मांग की। हज़रत ने कहा कि सबको जहां बर्मा के लोगों के लिये दुआ करनी चाहिए वहीं रोहिंग्या शरणार्थियों तक मदद भी पहुंचानी चाहिए।
आल इंडिया उलमा मशाइख़ बोर्ड के संरक्षक व दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन हज़रत सय्यद मेहदी मिंया चिश्ती ने कहा कि दुनिया को मोहब्बत की ज़रूरत है और हम नफरत की फैक्ट्रीय लगा रहे हैं, धर्म के आधार पर शरणारथियों की स्थिति तय की जाएगी तो हम क्या संदेश देना चाहते हैं। निहत्थे जान बचाकर भागे लोगों से देश को खतरा कैसे हो सकता है। मानवता हमारी ज़रूरत है, सरकार को आगे बढ़ कर मदद करनी चाहिए।
आल इंडिया उलमा मशाइख बोर्ड के संयुक्त राष्ट्रीय सचिव सय्यद सलमान चिश्ती ने कहा कि” अतिथि देवो भव:” सिर्फ पर्यटन विभाग के प्रचार की सामग्री नहीं है यह भारत की संस्कृति है, उन्होंने बताया भारत के संसद भवन पर अंकित वसुधैव कुटुंबकम् का वाक्य हमारी धारणा का प्रतीक है कि हम सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार मानते हैं और प्रधानमंत्री जी इसका उपयोग हर जगह करते हैं ऐसे में रोहिंग्या शरणार्थियों के संबंध में किरण रिज्जु का बयान प्रधानमंत्री के शब्दों के विपरीत है। कोई भी धर्म कभी खून बहाना नहीं सिखाता. मैं जितना जानता हूं उसके आधार पर शरणार्थियों की सेवा एंवम् सहायता के लिए हर धर्म ने सीख दी है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए हर हाल में हमे बर्मा के शरणार्थियों को भारत में शरण देनी चाहिए,सरकार का यह फैसला की वह देश छोड़ कर चले जाएँ उचित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा का भी यह उल्लघन प्रतीत होता है. हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि अपना फैसला वापस ले।
लखनऊ:1 सितम्बर कुर्बानी के असल मकसद त्याग की भावना को आत्मसात करे मुसलमान यह बात आल इन्डिया उलमा मशायक बोर्ड के संस्थापक अध्यछ हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कही उन्होंने सभी को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस खुशी में हमे नहीं भूलना है कि हमारे तमाम लोग सैलाब में फंसे हुए हैं ,उनके लिये दुआ भी करनी है और अपनी हैसियत के हिसाब से मदद भी करनी है ,दरअसल कुर्बानी अपने रब की नजदीकी के लिये की जाती है जबकि खुदा खुद कहता है” कि तुम जो जानवर जिबह करते हो न तो उसका खून और न ही उसका गोश्त मुझ तक पहुंचता है मुझ तक सिर्फ तुम्हारी वह नियत पहुंचती है जो तुमने करके कुर्बानी की “।
हज़रत ने कहा कुर्बानी हमे त्याग सिखाती है ,अपने माल से गरीबों तक बेहतर खाना पहुंचाने का एक बेहतरीन जरिया है ,भूखमरी के खिलाफ एलाने जंग है, और लोगों की मदद का जज्बा पैदा करने का एक सबक ,ऐसे दौर में जब लोग महज एक रोटी के टुकड़े के लिए जान लेने और देने पर आमादा है ऐसे में भी कुर्बानी का गोश्त खुशी खुशी गरीबों तक पहुंचता है यह है इस अमल की खूबसूरती, इसे इस दौर में समझना बहुत ज़रूरी है।
हज़रत ने लोगों से क़ानून का सम्मान करते हुए कुर्बानी करने और साफ सफाई का पूरा ख्याल रखने की पुरजोर अपील की उन्होंने कहा कि हमारे किसी भी कार्य से किसी को तकलीफ नहीं पहुंचनी चाहिए ,इसका खास ख्याल रखा जाए ।
हज़रत ने लोगों से बर्मा समेत जहां भी इंसानियत पर ज़ुल्म किया जा रहा है उन सभी जगहों पर अमन के लिए दुआ करने और मजलूमों की हिफाजत के लिए दुआ की अपील की, उन्होंने कहा सभी को खुशियों में शामिल कीजिए यह मौका है लोगों को पैग़ाम देने का कि “मोहब्बत सबके लिए नफरत किसी से नहीं “,सबको ईद की मुबारकबाद
By: यूनुस मोहानी
नागपुर: राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अध्यक्ष इंद्रेश कुमार के बयान कि मुसलमान केक काटकर कुर्बानी कर लें पर आल इंडिया उलेमा मशायख बोर्ड (यूथ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सय्यद आलमगीर अशरफ किछौछवी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हमें इंद्रेश कुमार और उनके किसी नाम निहाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे संगठन की राय की जरूरत नहीं है ।
इंद्रेश कुमार को कोई हक नही कि वह मुसलमानों को तबलीग़ करे, मुसलमानों को अपने धर्म को मानने और धार्मिक अनुषठानों को करने की आजादी हमारे संविधान के अनुच्छेद 25 में साफ साफ दी गई है, ऐसे में यह बयान जहां निंदनीय है वहीं संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाला भी, यह इशारा करता है कि वह कौन लोग है जिनका संविधान में विश्वास नहीं है।
उन्होंने कहा कुर्बानी का असल मकसद खुदा की निकटता प्राप्त करना है और उसका सबसे खूबसूरत जरिया लोगो की मदद है , कुर्बानी के जरिए इस्लाम ने भूखमरी के खिलाफ बड़ी जंग का ऐलान किया क्योंकि पुराने समय से लेकर अबतक भूकमरी सबसे बड़ी त्रासदी है और इसके खात्मे के लिए कुर्बानी एक बड़ा हथियार भी।
उन्होंने बताया कि कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है एक गरीबों के लिये एक रिश्तेदारों के लिये और स्वयं अपने लिये इस तरह इस्लाम ने लोगों को त्याग की सीख दी आज भी अरब देशों से कुर्बानी बैंक के जरिए भुकमरी से जूझ रहे सोमालिया सूडान और ऐसे कई देशों को गोश्त भेजा जाता है, इसका मकसद लोगों में त्याग की भावना जगाना है ,वहीं गरीबों की मदद भी ,लेकिन यह बात वह क्या जाने जो सिर्फ नाम के मुसलमान हैं और दूसरों के इशारों पर नाचते है।
हज़रत ने साफ कहा कि इस्लाम में कुर्बानी रब की निकटता एवं भुखमरी के खिलाफ जंग का ऐलान है ।इंद्रेश कुमार पहले इस्लाम को सही से पढ़ें बयानबाज़ी से नफ़रत फैलती है जबकि समाज को मोहब्बत की सख्त जरूरत है।