नफ़रत का मुक़द्दर हार है जीत मुहब्बत की ही होगी – सैय्यद अशरफ

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नफ़रत का मुक़द्दर हार है जीत मुहब्बत की ही होगी – सैय्यद अशरफ

07 जनवरी 2025 अजमेर दरगाह ख्वाजा ग़रीब नवाज़ अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैहि का 813वा उर्स अजमेर शरीफ में निहायत अक़ीदत से


07 जनवरी 2025 अजमेर
दरगाह ख्वाजा ग़रीब नवाज़ अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैहि का 813वा उर्स अजमेर शरीफ में निहायत अक़ीदत से मनाया जा रहा है जिसमें दुनिया भर से हजरत ख्वाजा गरीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैही से अक़ीदत रखने वाले लाखों लोग शिरकत कर रहे हैं इस अवसर पर आल इण्डिया उलमा व मशाइख बोर्ड द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बैतुन्नूर झालरा दरगाह शरीफ अजमेर में आयोजित हुई जिसमें पत्रकारों से बात करते हुए आल इण्डिया उलमा व मशाइख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हजरत सैय्यद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने कहा कि आज जिस तरह का मुहब्बत का समंदर उमड़ा है बारगाहे ग़रीब नवाज़ में यह नफ़रत को मुहब्बत का जवाब है ।
उन्होंने कहा यह सुल्तानुल हिन्द की बारगाह है जहाँ किसी से किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं यहाँ सब मँगते बन कर आते हैं और अपना दामाने मुराद भर कर ले जाते हैं यहाँ नफ़रत का कोई काम नहीं लेकिन कुछ लोग इस मुहब्बत की बारगाह में नफ़रत की झाड़ उगाने की नाकाम कोशिश में जुटे हैं जो मुमकिन नहीं कि यहाँ परवान चढ़ सके क्योंकि यह ज़मीन हरगिज़ नफ़रत के लिए साज़गार नहीं है ।
हज़रत ने कहा हम सब इस उर्स में बारगाहे ग़रीब नवाज़ में खड़े होकर रब की बारगाह में दुआ करते हैं कि हमारे मुल्क में जो लोग नफ़रत की आग लगाना चाहते हैं वह सब मुहब्बत की बारिश में भीग जायें, ग़रीब नवाज़ के सदके मुल्क हर तरह की नागहानी आफ़त बला से महफ़ूज़ रहे और पूरी दुनिया में अमन क़ायम हो फ़िलिस्तीन ,सीरिया ,लेबनान ,यमन ,यूक्रेन और बांग्लादेश हर जगह मज़लूम इंसानियत पर जो ज़ुल्म हो रहा है वह रुक जाये हमारे मुल्क में भी जहाँ जहाँ ज़ुल्म है उस पर रोक लगे और ऐसे लोग जिन्हें नफ़रत ने जकड़ लोया है मुहब्बत की बारिश से उनका इलाज हो जाये हज़रत ने पूरी दुनिया के लोगों को हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ के उर्स की मुबारकबाद देते हुए कहा दरगाह ग़रीब नवाज़ के ताल्लुक़ से जो लोग बेफ़िज़ूल का विवाद खड़ा कर रहे हैं उनको भी उर्स की मुबारक और उनके लिए भी उनकी सलामती की दुआ करते हैं और उम्मीद करते हैं जल्द वह इस बारगाह में अपनी अक़ीदत के फूल लेकर ग़रीब नवाज़ के आंगन में नज़र आयेंगे और अपनी गलती पर शर्मिंदा होंगे ।
दरवेशों की बारगाह में यह कोई नया मंज़र नहीं है सूफ़िया की तारीख़ यही रही है जो उनके ख़िलाफ़ खड़ा होता है मुहब्बत के रवैये उसे अक़ीदत की बारिश में भिगो देते हैं और वह ग़ुलामी में खड़े नज़र आते हैं ,हम सब की ज़िम्मेदारी है कि ऐसे नफ़रती लोगों से मुहब्बत से पेश आयें जल्द हालात बदलते देखेंगे ।पूरे मुल्क में अमन की फ़िज़ा बनी रहे और सभी मुहब्बत वाले लोग एकजुट होकर नफ़रत को थाम दे और हमारा मुल्क तरक्की के ज़ीने चढ़े ।
हजरत ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अब भारत की संसद द्वारा पारित उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को सरकार द्वारा सख्ती से लागू करवाना चाहिए और सस्ती लोकप्रियता के लिए आए दिन उठाए जा रहे विवादों पर रोक लगानी चाहिए संभल में बेगुनाह लोगो पर प्रशासन द्वारा जिस तरह की कार्यवाही हो रही है उसपर केंद्र सरकार को संज्ञान लेना चाहिए लोगों पर फ़र्ज़ी मुकदमे दर्ज कर वसूली का बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है साथ ही लोगों में बिश्वास का माहौल बहाल करने के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए ।
हज़रत ने खबरिया चैनलों पर भी बात की उन्होंने कहा जिस तरह का माहौल स्टूडियो में बनाया जा रहा है उससे देश को सिर्फ़ नुक़सान हो रहा है इस पर भी रोक लगना चाहिए जब भारत की सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर रोक लगाई उसे सील करने के आदेश दिए और मीडिया सूत्रों के हवाले से सर्वे रिपोर्ट दिखा कर नफ़रत की आग भड़का रही है यह सीधे तौर पर न्यायालय की अवमानना का मामला है इसे भी रोका जाना चाहिए ।
हज़रत ने कहा की हम उम्मीद करते हैं कि ग़रीब नवाज़ के इस उर्स में माँगी गई सारी दुआ रब की बारगाह में क़ुबूल होगी और हमारा मुल्क मुहब्बत का गहवारा बना रहेगा ।

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